लखनऊ में गोमतीनगर कॉरिडोर का निर्माण: यातायात में सुधार की नई पहल
लखनऊ में गोमतीनगर कॉरिडोर का निर्माण
उत्तर प्रदेश समाचार: लखनऊ के गोमतीनगर स्टेशन पर एक भव्य कॉरिडोर के निर्माण की योजना पर कार्य प्रारंभ हो चुका है। यह परियोजना न केवल शहर की आधुनिक पहचान को नया आयाम देगी, बल्कि यात्रियों को बेहतर सुविधाएँ भी प्रदान करेगी। इस कॉरिडोर का मुख्य उद्देश्य गोमतीनगर रेल टर्मिनल को शहर के अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों से जोड़ना है। इससे यातायात में सुधार होगा और ट्रैफिक की समस्या में कमी आएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कॉरिडोर प्रोजेक्ट रेलवे ढांचे को मजबूत करने के साथ-साथ लखनऊ के समग्र विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके पूरा होने के बाद व्यापार, पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलने की संभावना है।
सुगम आवागमन के लिए नई योजना
लखनऊ में ट्रैफिक जाम की समस्या से निपटने के लिए शहीद पथ पर एक भव्य कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। इस परियोजना का उद्देश्य यातायात को सुगम बनाना और शहर को आधुनिक परिवहन सुविधाओं से लैस करना है। इस कॉरिडोर के अंतर्गत शहीद पथ के दोनों ओर दो-दो अतिरिक्त लेन बनाने का प्रस्ताव है, जिससे सड़क की क्षमता में वृद्धि होगी और वाहनों का आवागमन सुगम होगा। योजना के तहत गोमतीनगर रेल टर्मिनल को क्लोवर लीफ से जोड़ने का विचार किया गया है, जिससे यात्रियों की कनेक्टिविटी और भी बेहतर होगी। इसके साथ ही इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे के पास एक अंडरपास बनाने की संभावना पर भी चर्चा की गई है।
अंडरपास की आवश्यकता पर चर्चा
मंगलवार को गोमतीनगर के एक होटल में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की परियोजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें लखनऊ की ट्रैफिक समस्या से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। इस बैठक में सांसद प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी ने सहारा एस्टेट रोड पर रिंग रोड पर अंडरपास बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे पर ट्रैफिक दबाव को देखते हुए एक अतिरिक्त अंडरपास की आवश्यकता पर भी जोर दिया। इसके अलावा, आउटर रिंग रोड पर अयोध्या राजमार्ग और रिंग रोड इंटरसेक्शन पर लगने वाले जाम की समस्या पर भी चर्चा की गई।
ट्रैफिक दबाव को कम करने में सहायक
NHAI की टीम ने मंगलवार को सांसद प्रतिनिधियों के साथ लखनऊ-मोहान हाईवे इंटरसेक्शन का निरीक्षण किया। इस दौरान टीम ने पाया कि मोहान हाईवे इंटरसेक्शन के पास सर्विस रोड का कार्य अधूरा है, जिस पर शीघ्र कार्रवाई की आवश्यकता है। अधिकारियों ने कानपुर हाईवे इंटरसेक्शन पर निर्माणाधीन क्लोवर-लीफ संरचना का भी जायजा लिया। यह प्रोजेक्ट भविष्य में ट्रैफिक दबाव को कम करने और सुगम आवागमन सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। बैठक में अयोध्या राजमार्ग पर हाईकोर्ट परिसर के पास 6-लेन एलिवेटेड रोड बनाने के प्रस्ताव पर भी चर्चा की गई। इस परियोजना के लागू होने से राजमार्ग पर वाहनों की गति और सुरक्षा में सुधार होने की संभावना है।
लखनऊ में शहीद पथ कॉरिडोर और अन्य प्रस्तावित परियोजनाओं के पूरा होने से शहर के ट्रैफिक दबाव में कमी आने की उम्मीद है। यह कॉरिडोर गोमतीनगर रेल टर्मिनल समेत अन्य प्रमुख क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा और लखनऊ के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। शहरवासी अब इन योजनाओं के शीघ्र कार्यान्वयन का इंतजार कर रहे हैं।
इस समीक्षा बैठक में कई महत्वपूर्ण हस्तियाँ उपस्थित थीं। बैठक की अध्यक्षता एनएचएआई के सदस्य (ए) विशाल चौहान ने की। इसके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के प्रतिनिधि और पूर्व आईएएस अधिकारी दिवाकर त्रिपाठी, रक्षामंत्री के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. राघवेंद्र शुक्ल, मुख्य महाप्रबंधक (टेक्निकल) नवीन कुमार, रीजनल अफसर संजीव शर्मा और परियोजना निदेशक कर्नल शरद चंद्र सिंह भी बैठक में शामिल हुए।