लखनऊ में धनंजय सिंह पर FIR: सार्वजनिक रास्ते को लेकर बढ़ा विवाद
लखनऊ में विवाद का सियासी मोड़
उत्तर प्रदेश: लखनऊ के स्वस्तिक सिटी में एक सार्वजनिक रास्ते को लेकर उत्पन्न विवाद अब एक गंभीर राजनीतिक और कानूनी मुद्दा बन गया है। पूर्व सांसद धनंजय सिंह के खिलाफ FIR दर्ज होने से प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है। यह मामला केवल एक कॉलोनी के रास्ते का नहीं, बल्कि दबंगई, राजनीतिक प्रभाव और पुलिस की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।
सार्वजनिक रास्ते को बंद करने का आरोप
सार्वजनिक रास्ता बंद करने का आरोप: आरोप है कि जौनपुर के महाराजगंज ब्लॉक प्रमुख मांडवी सिंह के पति विनय सिंह ने अपने प्लॉट के पास स्थित लगभग 20 फीट चौड़े सार्वजनिक रास्ते पर दीवार खड़ी कर दी। यह रास्ता कॉलोनी के नक्शे और रजिस्ट्री में स्पष्ट रूप से आम आवागमन के लिए दर्ज है। कॉलोनी के निवासियों का कहना है कि यही मार्ग उनके आने-जाने का मुख्य रास्ता है। जब स्थानीय लोगों ने दीवार बनाए जाने का विरोध किया, तो स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
धमकी और दबाव का आरोप
धमकी और दबाव का आरोप: निवासियों का कहना है कि विरोध के दौरान विनय सिंह हथियारबंद लोगों के साथ आए और लोगों को डराने-धमकाने लगे। इसी दौरान पूर्व सांसद धनंजय सिंह का नाम लेकर दबाव बनाया गया, जिससे कॉलोनी में दहशत फैल गई। जब स्थिति बिगड़ गई, तो गुस्साए निवासियों ने दीवार को गिरा दिया, जिसके बाद मामला थाने तक पहुंच गया।
पुलिस की भूमिका पर सवाल
पुलिस कार्रवाई पर उठे सवाल: प्रारंभ में पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में रही। कॉलोनी के निवासियों का आरोप है कि उनकी शिकायत पर कार्रवाई करने के बजाय, तत्कालीन थानाध्यक्ष ने विनय सिंह की तहरीर पर ही मामला दर्ज कर लिया। इससे लोगों में नाराजगी और बढ़ गई। लेकिन जब विवाद से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, तब पुलिस प्रशासन हरकत में आया।
वीडियो वायरल होने के बाद की कार्रवाई
वीडियो वायरल होने के बाद बदली तस्वीर: वीडियो सामने आने के बाद कॉलोनी के लोगों ने पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र सिंह सेंगर से मुलाकात की और नक्शा व रजिस्ट्री से जुड़े दस्तावेज सौंपे। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस कमिश्नर ने तुरंत संज्ञान लिया। सुशांत गोल्फ सिटी थाने के इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर कर दिया गया और कॉलोनी वासियों की शिकायत पर नई FIR दर्ज करने के आदेश दिए गए।
गंभीर धाराओं में मामला दर्ज
गंभीर धाराओं में दर्ज हुआ केस: इस मामले में विनय सिंह, पूर्व सांसद धनंजय सिंह, उनके सरकारी गनर और कई अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की कई गंभीर धाराएं लगाई गई हैं। इसके साथ ही अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धाराएं भी जोड़ी गई हैं, जिससे मामले की संवेदनशीलता और बढ़ गई है।
धनंजय सिंह का आपराधिक इतिहास
धनंजय सिंह का नाम फिर चर्चा में: धनंजय सिंह का नाम पहले भी कई आपराधिक मामलों में सामने आ चुका है। अपहरण, रंगदारी और दबंगई जैसे आरोपों से उनका पुराना नाता रहा है। यही वजह है कि इस केस में उनका नाम जुड़ते ही मामला राजनीतिक और सामाजिक बहस का विषय बन गया है।
कानून-व्यवस्था पर संदेश
कानून-व्यवस्था पर संदेश: यह पूरा प्रकरण लखनऊ पुलिस और प्रशासन के लिए एक कड़ा संदेश भी है कि दबाव में गलत कार्रवाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। फिलहाल मामले की जांच जारी है और आरोपी पक्ष की तलाश की जा रही है। कॉलोनी निवासी इसे आम नागरिकों की हक की लड़ाई बता रहे हैं, जो अब कानून के रास्ते आगे बढ़ रही है।