शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा का 60 करोड़ रुपये का धोखाधड़ी मामला: हाईकोर्ट में याचिका दायर
मुंबई में कानूनी पचड़े में फंसे शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा
मुंबई: बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा एक बार फिर से कानूनी विवाद में उलझ गए हैं। दंपत्ति ने 60 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के मामले में दर्ज एफआईआर को रद्द कराने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका पर जल्द ही मुख्य न्यायाधीश की बेंच में सुनवाई होने वाली है।
धोखाधड़ी का मामला
यह मामला मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) द्वारा दर्ज एक धोखाधड़ी केस से संबंधित है। शिकायत लोटस कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के निदेशक दीपक कोठारी ने की थी। उनके अनुसार, शिल्पा और राज ने 2015 से 2023 के बीच उन्हें अपनी कंपनी बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड में लगभग 60 करोड़ रुपये निवेश करने के लिए प्रेरित किया, लेकिन यह धन निजी लाभ के लिए उपयोग किया गया।
अगली सुनवाई की तारीख
सोमवार को इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति गौतम अंखड की बेंच में हुई। अदालत ने दंपत्ति को निर्देश दिया कि वे शिकायतकर्ता दीपक कोठारी को अपनी याचिका की एक प्रति दें। मामले की अगली सुनवाई 20 नवंबर को होगी। याचिका में शिल्पा और राज ने कहा है कि उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पूरी तरह से झूठी और तोड़-मरोड़ कर पेश की गई है।
नोटबंदी का संदर्भ
शिल्पा शेट्टी ने अपनी याचिका में कहा कि वह कंपनी की दैनिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल नहीं थीं और केवल सीमित समय के लिए कंपनी से जुड़ी थीं। दंपत्ति ने यह भी कहा कि यह विवाद एक असफल व्यावसायिक सौदे और निवेश में हुए नुकसान से संबंधित है, न कि किसी आपराधिक साजिश से।
उनकी याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि नवंबर 2016 की नोटबंदी जैसी अप्रत्याशित आर्थिक परिस्थितियों के कारण कंपनी को बड़ा नुकसान हुआ और कारोबार ठप हो गया। उनका दावा है कि यह एक व्यावसायिक असफलता थी, जिसे धोखाधड़ी का रंग दिया गया।
फाइव स्टार होटल में हुई बैठक
शिकायत के अनुसार, 2015 में शिल्पा और राज कुंद्रा ने एक बिचौलिए राजेश आर्या के माध्यम से दीपक कोठारी से बिजनेस लोन की मांग की थी। एफआईआर में बताया गया है कि जुहू के एक फाइव-स्टार होटल में बैठक हुई थी, जहां शिल्पा और राज ने खुद को बेस्ट डील टीवी के निदेशक के रूप में पेश किया।
यह कंपनी एक समय होम शॉपिंग और ऑनलाइन रिटेल प्लेटफॉर्म के रूप में कार्यरत थी, लेकिन बाद में बंद हो गई। अब मामला अदालत में है और 20 नवंबर को यह तय किया जाएगा कि एफआईआर रद्द होगी या जांच आगे बढ़ेगी।