श्री गुरु तेग बहादर जी के 350वें शहीदी दिवस के लिए भव्य आयोजन की तैयारी
श्री गुरु तेग बहादर जी के शहीदी दिवस समारोह की तैयारियाँ
श्री गुरु तेग बहादर जी के 350वें शहीदी दिवस समारोहों के लिए सभी प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश दिए
चंडीगढ़। पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने आज अपने सहयोगियों के साथ मिलकर अमृतसर और गुरदासपुर के जिला प्रशासन को श्री गुरु तेग बहादर जी के 350वें शहीदी दिवस समारोहों के लिए आवश्यक प्रबंधों और बुनियादी ढांचे के विकास कार्यों को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए।
बैंस ने पीडब्ल्यूडी मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ, ग्रामीण विकास और पंचायत मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद तथा पर्यटन विभाग के सलाहकार दीपक बाली के साथ मिलकर गुरदासपुर और अमृतसर में हुई बैठकों में तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि अमृतसर और बाबा बकाला में कीर्तन दरबार और लाइट एंड साउंड शो आयोजित किए जाएंगे, जो श्री गुरु तेग बहादर जी के जीवन और शहादत को प्रदर्शित करेंगे। ये शो 1 नवंबर से 18 नवंबर तक राज्य के सभी 23 जिलों में आयोजित किए जाएंगे।
सरकार की व्यापक तैयारियाँ
बैंस ने कहा कि पंजाब सरकार कई महीनों से श्री गुरु तेग बहादर जी और उनके अटूट सिख साथियों की अद्वितीय शहादत को श्रद्धांजलि देने के लिए व्यापक तैयारियाँ कर रही है। बैठक के दौरान, उन्होंने दोनों जिलों के डिप्टी कमिश्नरों और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि बुनियादी ढांचा, सफाई, रोशनी, संगत के ठहरने, यातायात और सुरक्षा से जुड़े सभी प्रबंध समय से पहले पूरे कर लिए जाएं।
उन्होंने धार्मिक संस्थाओं और स्थानीय गुरुद्वारा कमेटियों के साथ नजदीकी तालमेल बनाए रखने के निर्देश भी दिए ताकि सभी कार्यक्रम शांति और श्रद्धा से संपन्न हों। शिक्षा मंत्री ने पीडब्ल्यूडी, ग्रामीण विकास, स्थानीय सरकार और पर्यटन विभागों को पूर्ण समन्वय से कार्य करने के आदेश दिए, ताकि नगर कीर्तन मार्गों की सुंदरता, सड़कों का उन्नयन, स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत, सफाई व्यवस्था और पेयजल व पार्किंग की उचित सुविधाएं सुनिश्चित की जा सकें।
चार बड़े नगर कीर्तन का आयोजन
उन्होंने बताया कि चार बड़े नगर कीर्तन देश के विभिन्न हिस्सों से प्रारंभ होंगे और 22 नवंबर को श्री आनंदपुर साहिब में एकत्रित होंगे। पहला नगर कीर्तन 19 नवंबर को श्रीनगर से शुरू होकर जम्मू, पठानकोट और होशियारपुर से गुजरेगा। दूसरा नगर कीर्तन गुरदासपुर से प्रारंभ होकर बटाला, बाबा बकाला और अमृतसर के रास्ते से, तीसरा फरीदकोट से फिरोजपुर, लुधियाना और श्री फतेहगढ़ साहिब होकर, और चौथा तख्त श्री दमदमा साहिब से बठिंडा, संगरूर, पटियाला और मोहाली के रास्ते से गुजरेगा।
उन्होंने आगे बताया कि गुरु के महल (गुरु जी का जन्म स्थान) और आसपास के विरासती स्थलों की सुंदरता के लिए कार्य जारी है।