स्वतंत्रता दिवस 2025: तिरंगे की अनमोल कहानी और उसका महत्व
स्वतंत्रता दिवस 2025: एक विशेष अवसर
हमारा देश 15 अगस्त 2025 को अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए तैयार है। इस दिन का उत्साह हर साल अद्वितीय होता है। प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराते हैं और पूरे देश को संबोधित करते हैं। 15 अगस्त 1947 का दिन भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जब पंडित जवाहरलाल नेहरू ने आजाद भारत का तिरंगा पहली बार फहराया।
तिरंगे का ऐतिहासिक महत्व
22 जुलाई 1947 को, भारत की संविधान सभा ने पिंगली वेंकैया द्वारा डिजाइन किए गए तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में स्वीकार किया। इस ध्वज में केसरिया रंग साहस और बलिदान का, सफेद रंग शांति और सत्य का, और हरा रंग विश्वास और समृद्धि का प्रतीक है। इसके केंद्र में अशोक चक्र प्रगति और धर्म का संदेश देता है। पंडित नेहरू ने इस ध्वज को 15 अगस्त 1947 को लाल किले से फहराकर स्वतंत्रता के युग की शुरुआत की।
तिरंगा कहां सुरक्षित है?
वर्तमान में, यह ऐतिहासिक तिरंगा नई दिल्ली के आर्मी बैटल ऑनर्स मेस में संरक्षित है। यह स्थल भारतीय सेना का एक महत्वपूर्ण स्मारक है, जहां ऐतिहासिक और सैन्य महत्व की वस्तुएं रखी जाती हैं। यहां रखा तिरंगा आज भी भारत के स्वतंत्रता संघर्ष की गवाही देता है और देशभक्ति की भावना को जीवित रखता है।
क्या आम लोग तिरंगा देख सकते हैं?
चूंकि आर्मी बैटल ऑनर्स मेस एक सैन्य क्षेत्र है, इसलिए यहां जाने के लिए विशेष अनुमति की आवश्यकता होती है। आम जनता इस ध्वज को स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस पर आयोजित विशेष प्रदर्शनों में देख सकती है। इच्छुक लोग भारतीय सेना के अधिकारियों से संपर्क करके अनुमति प्राप्त कर सकते हैं।
तिरंगे का महत्व आज भी बरकरार
पंडित नेहरू द्वारा फहराया गया तिरंगा आज भी भारत की एकता, स्वाभिमान और स्वतंत्रता का प्रतीक है। यह केवल एक कपड़े का टुकड़ा नहीं है, बल्कि करोड़ों भारतीयों के बलिदान और संघर्ष की कहानी है। हर साल 15 अगस्त को जब तिरंगा लहराता है, तो यह हमें उन नायकों की याद दिलाता है जिन्होंने आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।