हरियाणा की शिक्षिका मनीषा का अंतिम संस्कार, भावुक माहौल में दी गई विदाई
मनीषा का अंतिम संस्कार
हरियाणा के भिवानी जिले में शिक्षिका मनीषा का अंतिम संस्कार गुरुवार को नौवें दिन किया गया। परिवार ने लंबे समय तक चले आंदोलन और मांगों के बाद इस पर सहमति जताई। उनके 13 वर्षीय छोटे भाई नितेश ने मुखाग्नि दी, जबकि पिता संजय की आंखों में आंसू थे। सैकड़ों ग्रामीणों ने इस भावुक क्षण में 'मनीषा अमर रहे' के नारे लगाते हुए उन्हें अंतिम विदाई दी।
अंतिम यात्रा की तैयारी
मनीषा का शव सुबह 8 बजे भिवानी के सिविल अस्पताल से गांव ढाणी लक्ष्मण लाया गया। शव को सीधे श्मशान घाट ले जाया गया, जहां अंतिम संस्कार की सभी तैयारियां पहले से की गई थीं। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए मौके पर पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) तैनात की गई थी। रास्तों को JCB से खोला गया ताकि शव को गांव तक पहुंचाने में कोई रुकावट न आए।
पोस्टमॉर्टम और परिवार की मांगें
मनीषा की मृत्यु को लेकर उठ रहे सवालों और विरोध के बीच तीसरी बार पोस्टमॉर्टम किया गया। इससे पहले भिवानी सिविल अस्पताल और रोहतक PGI में भी पोस्टमॉर्टम हो चुका था। सरकार ने परिवार की मांगों को मानते हुए शव को दिल्ली भेजा और पुलिस एस्कॉर्ट के साथ परिजनों को भी दिल्ली भेजा।
मुख्यमंत्री का आश्वासन
परिवार ने दो मुख्य मांगें रखी थीं, जिन्हें मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने स्वीकार कर लिया और CBI जांच का आदेश दिया। इसके बाद परिवार अंतिम संस्कार के लिए सहमत हुआ।
इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध
भिवानी जिले में इंटरनेट सेवा को 24 घंटे के लिए और बढ़ा दिया गया है, जबकि चरखी दादरी में इंटरनेट पर से पाबंदी हटा दी गई है।