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हरियाणा के सोनीपत में लाल डोरे की संपत्तियों पर मालिकाना हक का समाधान

हरियाणा के सोनीपत जिले में लाल डोरे की संपत्तियों पर मालिकाना हक के मुद्दे का समाधान जल्द ही किया जाएगा। नगर निगम के मेयर राजीव जैन ने इस संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है, जिससे हजारों परिवारों को राहत मिलेगी। जानें इस फैसले के पीछे की वजह और संपत्ति के मालिकाना हक के लिए आवश्यक नियम क्या हैं।
 

सोनीपत में राहत की खबर

हरियाणा के सोनीपत जिले के निवासियों के लिए एक सकारात्मक समाचार सामने आया है। नगर निगम के मेयर, राजीव जैन ने घोषणा की है कि लाल डोरे क्षेत्र में संपत्तियों के मालिकाना हक से संबंधित समस्याओं का समाधान जल्द ही किया जाएगा। इस निर्णय से हजारों परिवारों को लाभ मिलने की संभावना है, जो लंबे समय से इस मुद्दे से जूझ रहे थे।


लाल डोरा क्षेत्र की विशेषताएँ

लाल डोरा वह क्षेत्र है, जिसे गांव की जनसंख्या सीमा के अंतर्गत माना जाता है, लेकिन इसके स्वामित्व का स्पष्ट रिकॉर्ड राजस्व में नहीं होता। इस क्षेत्र में विकास के नियम सामान्यतः लचीले होते हैं, लेकिन मालिकाना हक को लेकर अक्सर भ्रम की स्थिति बनी रहती है।


मेयर का स्पष्ट निर्देश

मेयर राजीव जैन ने पार्षदों के साथ बैठक के दौरान और चंडीगढ़ में अधिकारियों से बातचीत करके यह स्पष्ट किया है कि यदि किसी के पास लाल डोरे की संपत्ति है, तो उसके नाम पर 10 साल पुराना बिजली या पानी का बिल होना अनिवार्य होगा।


संपत्ति खरीदने के नियम

यदि किसी ने लाल डोरे क्षेत्र में संपत्ति खरीदी है, तो उसके पास राजस्व अधिकारी द्वारा सत्यापित रजिस्टर्ड एग्रीमेंट होना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति उस संपत्ति में निवास कर रहा है और उसके नाम पर कम से कम 5 साल पुराना बिजली मीटर है, तो उसका आवेदन स्वीकार किया जाएगा। यदि संपत्ति केवल एक खाली प्लॉट है, तो आवेदक नगर निगम के नाम पर आवेदन जमा कर सकता है।