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हरियाणा में 1680 प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन पर बैन

हरियाणा में शिक्षा विभाग ने 1680 प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन पर बैन लगाने का निर्णय लिया है। यह कार्रवाई उन स्कूलों के खिलाफ की गई है जिन्होंने राइट टू एजुकेशन के तहत खाली सीटों की जानकारी नहीं दी। शिक्षा विभाग अब इन स्कूलों को गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों की श्रेणी में डालने की प्रक्रिया में है। जानें इस निर्णय के पीछे की वजहें और आगे की प्रक्रिया के बारे में।
 

शिक्षा विभाग की कार्रवाई


राइट टू एजुकेशन के तहत कार्रवाई
हरियाणा में शिक्षा विभाग ने उन प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया है, जिन्होंने राइट टू एजुकेशन के तहत खाली सीटों की जानकारी नहीं दी। राज्य में ऐसे 1680 स्कूल हैं, जो इस नियम का पालन नहीं कर रहे हैं। इन स्कूलों को अब गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों की श्रेणी में रखा जाएगा।


दाखिले की प्रक्रिया पर प्रभाव

इसके अलावा, इन स्कूलों के दाखिले से संबंधित मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम (MIS) को भी बंद कर दिया जाएगा, जिससे बच्चे इन स्कूलों में दाखिला नहीं ले सकेंगे। वर्तमान में, इन स्कूलों में दाखिल बच्चे एसएलसी लेकर अन्य स्कूलों में प्रवेश पा रहे हैं। शिक्षा विभाग जल्द ही सभी औपचारिकताएं पूरी करेगा और इन 1680 स्कूलों को MIS पोर्टल से हटा देगा।


9064 स्कूलों ने दी जानकारी

शिक्षा विभाग ने प्रदेश के निजी स्कूलों में योग्य बच्चों के दाखिले के लिए 10744 स्कूलों से खाली सीटों की जानकारी मांगी थी। इनमें से 9064 स्कूलों ने जानकारी उपलब्ध कराई है। विभाग अब इनकी मान्यता से संबंधित दस्तावेजों की जांच कर रहा है। अभी तक 6905 स्कूलों की वेरिफिकेशन पूरी हो चुकी है, जो कुल 76.18 प्रतिशत है।


डीईईओ द्वारा वेरिफिकेशन

इन स्कूलों की वेरिफिकेशन की जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारी (DEEO) को सौंपी गई है। विभाग ने संबंधित अधिकारियों को 08 जून तक का समय दिया था। हालांकि, अभी तक केवल 6905 स्कूलों की वेरिफिकेशन पूरी हुई है, जबकि 2159 स्कूलों की वेरिफिकेशन अभी बाकी है। अधिकारियों का कहना है कि लापरवाही बरतने वाले DEEO के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


डाक्यूमेंट में गड़बड़ी पर कार्रवाई

स्कूलों की वेरिफिकेशन का कार्य तेजी से चल रहा है। उम्मीद है कि आज सभी स्कूलों की वेरिफिकेशन का काम पूरा हो जाएगा। यदि 9064 में से किसी स्कूल के दस्तावेजों में गड़बड़ी पाई गई, तो उसे भी गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की श्रेणी में रखा जाएगा।