हरियाणा में आईपीएस और एएसआई की आत्महत्या की रहस्यमय कहानी
हरियाणा में आत्महत्या की घटनाएँ
हरियाणा में एक अजीब स्थिति उत्पन्न हुई है, जो किसी थ्रिलर फिल्म की तरह लगती है। एक आईपीएस अधिकारी ने आत्महत्या कर ली, और उसके बाद आठ दिनों तक पोस्टमॉर्टम नहीं हुआ। इसी दौरान, एक सहायक उप-निरीक्षक ने भी उसी तरीके से आत्महत्या की, जिस तरह आईपीएस अधिकारी ने की थी। आत्महत्या करने वाले आईपीएस अधिकारी ने अपने अंतिम नोट में राज्य के नौ वर्तमान और पूर्व आईपीएस तथा आईएएस अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, साथ ही यह भी कहा था कि उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था। इसी तरह, आत्महत्या करने वाले एएसआई ने भी अपने अंतिम नोट में आईपीएस अधिकारी, उनकी आईएएस पत्नी और अन्य रिश्तेदारों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए।
यह कहानी इसलिए भी दिलचस्प है क्योंकि आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने सिर में गोली मारकर आत्महत्या की, और एएसआई संदीप कुमार ने भी इसी तरीके से अपनी जान ली। दोनों मामलों में, किसी ने भी आत्महत्या करते हुए नहीं देखा और न ही गोली चलने की आवाज सुनी। पूरन कुमार ने आठ पन्नों का टाइप किया हुआ सुसाइड नोट छोड़ा, जबकि संदीप कुमार ने चार पन्नों का हाथ से लिखा नोट छोड़ा। एक महत्वपूर्ण अंतर यह है कि पूरन कुमार दलित थे, जबकि संदीप कुमार जाट समुदाय से थे। संदीप कुमार की आत्महत्या के बाद, उनके आरोप सामने आने के 12 घंटे के भीतर, पूरन कुमार की पत्नी ने पोस्टमॉर्टम के लिए सहमति दे दी। अंततः, पूरन कुमार की आत्महत्या के नौवें दिन, बुधवार को उनका पोस्टमॉर्टम किया गया।