हुमायूं कबीर ने बनाई नई पार्टी: जानिए जनता उन्नयन पार्टी का उद्देश्य और चुनावी रणनीति
कोलकाता में नई राजनीतिक पार्टी की घोषणा
कोलकाता: बाबरी मस्जिद की नींव रखने वाले और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने अपनी नई राजनीतिक पार्टी की स्थापना की घोषणा की है। उन्होंने इस पार्टी का नाम 'जनता उन्नयन पार्टी' रखा है। कबीर का कहना है कि उनकी पार्टी आम जनता के विकास और हाशिए पर पड़े वर्गों की आवाज उठाने के लिए समर्पित होगी। यह घोषणा पश्चिम बंगाल में 2026 के विधानसभा चुनावों की तैयारियों के बीच आई है।
चुनाव चिन्ह पर हुमायूं कबीर की प्राथमिकताएं
नई पार्टी के चुनाव चिन्ह के बारे में हुमायूं कबीर ने बताया कि उनकी पहली पसंद 'टेबल' है, जबकि दूसरी पसंद 'ट्विन रोजेज' है। हालांकि, अंतिम निर्णय चुनाव आयोग द्वारा लिया जाएगा। कबीर ने कहा कि पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह दोनों ही जनता के साथ सीधा संबंध दर्शाएंगे।
पार्टी की पूरी तस्वीर जल्द आएगी सामने
एनडीटीवी से बातचीत में कबीर ने कहा कि पार्टी का अंतिम नाम और अन्य औपचारिकताएं चुनाव आयोग के माध्यम से तय होंगी। उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी दलों ने मुस्लिम समुदाय को केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया है और उन्हें कई बुनियादी अधिकारों से वंचित रखा गया है। कबीर ने कहा कि उनकी पार्टी ऐसे लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष करेगी।
पार्टी के नाम का महत्व
कबीर ने बताया कि उन्होंने 'जनता उन्नयन पार्टी' नाम इसलिए चुना है क्योंकि 'उन्नयन' का अर्थ विकास और सुधार है। उनका मानना है कि विकास केवल एक वादा नहीं, बल्कि एक निरंतर प्रक्रिया है, जिसके तहत समाज और शासन में सकारात्मक बदलाव लाया जाता है। पार्टी का उद्देश्य बंगाल की जनता के जीवन स्तर को सुधारना और शासन को अधिक जवाबदेह बनाना है।
294 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा
हुमायूं कबीर ने स्पष्ट किया है कि यदि आवश्यक हुआ, तो उनकी पार्टी पश्चिम बंगाल की सभी 294 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है। उन्होंने दावा किया कि उनके पास संगठनात्मक ताकत और जनसमर्थन है, जिससे वे यह कदम उठा सकते हैं। कबीर ने संकेत दिया कि कुछ सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा जल्द की जाएगी।
ग्रैंड अलायंस की अपील
नई पार्टी की घोषणा से एक दिन पहले, कबीर ने तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विरोधी दलों से एकजुट होने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी सरकार को हटाने के लिए सभी एंटी-टीएमसी और एंटी-बीजेपी ताकतों को मिलकर एक बड़ा गठबंधन बनाना होगा। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई दल खुद को सर्वोपरि समझेगा, तो जनता उन्नयन पार्टी अकेले चुनावी मैदान में उतरेगी।
राजनीतिक रणनीति पर सोच-समझकर कदम
कबीर ने कहा कि उनका यह कदम पूरी तरह से राजनीतिक है और वे कोई भी निर्णय जल्दबाजी में नहीं लेंगे। हर निर्णय पर गहराई से विचार किया जाएगा, ताकि पार्टी का भविष्य मजबूत और टिकाऊ हो सके। कुल मिलाकर, हुमायूं कबीर की नई पार्टी ने पश्चिम बंगाल की राजनीति में नई चर्चाओं और संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं।