13 जून 2025 का पंचांग: शुभ मुहूर्त और राहु काल की जानकारी
आज का पंचांग
13 जून 2025 का पंचांग: आज आषाढ़ माह का दूसरा दिन है और यह कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। दिन की लंबाई 13 घंटे 57 मिनट 3 सेकंड है, जबकि रात का समय 10 घंटे 3 मिनट 1 सेकंड होगा। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह ग्रीष्म ऋतु का समय है और सूर्य उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं।
आइए जानते हैं कि 13 जून के पंचांग के पांच अंगों - तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की स्थिति क्या है। आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ रहेगा और राहु काल का समय क्या है?
तिथि
आज आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है, जो 13 जून को 03:18 PM तक रहेगी। इसके बाद तृतीया तिथि का आरंभ होगा। द्वितीया तिथि भद्रा तिथि मानी जाती है, जिसके स्वामी ब्रह्मा हैं और यह शुभ मुहूर्तों में शामिल है।
नक्षत्र
आज का दिन पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र से शुरू होगा, जो 11:21 PM तक रहेगा। यह एक शुभ नक्षत्र है, इसके बाद उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का आरंभ होगा।
दिन/वार
आज शुक्रवार है, जो देवी लक्ष्मी, दुर्गा, पार्वती, संतोषी माता और शुक्राचार्य को समर्पित है। यह दिन विशेष रूप से धन संबंधी उपायों के लिए शुभ माना जाता है।
योग
आज का दिन शुक्ल योग से शुरू होगा, जो 01:48 PM तक रहेगा। इसके बाद ब्रह्म योग का आरंभ होगा।
करण
आज 03:18 PM तक गर करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद वणिज करण शुरू होगा, जो 14 जून को 03:35 AM तक रहेगा। इसके बाद विष्टि करण का आरंभ होगा।
सूर्य-चंद्र गोचर
आज के पंचांग के अनुसार, सूर्य वृषभ राशि में गोचर कर रहे हैं, जबकि चंद्रमा धनु राशि में गोचर कर रहे हैं।
शुभ-अशुभ काल
आज के शुभ मुहूर्त:
ब्रह्म मुहूर्त: 04:02 AM से 04:43 AM
प्रातः सन्ध्या: 04:22 AM से 05:23 AM
अभिजित मुहूर्त: 11:53 AM से 12:49 PM
विजय मुहूर्त: 02:41 PM से 03:37 PM
गोधूलि मुहूर्त: 07:18 PM से 07:39 PM
सायाह्न सन्ध्या: 07:20 PM से 08:20 PM
अमृत काल: 06:16 PM से 07:57 PM
निशिता मुहूर्त: 12:01 AM, जून 14 से 12:41 AM, जून 14
आज के अशुभ मुहूर्त:
राहुकाल: 10:37 AM से 12:21 PM तक। इस समय कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।
यमगण्ड: 03:51 PM से 05:35 PM
गुलिक काल: 07:07 AM से 08:52 AM
दुर्मुहूर्त काल: 08:10 AM से 09:06 AM और 12:49 PM से 01:45 PM
विष घटी/वर्ज्य काल: 08:06 AM से 09:48 AM
भद्रा काल: 03:35 AM, जून 14 से 05:23 AM, जून 14
13 जून 2025 के पर्व और त्योहार
आज आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है और यह शुक्रवार है। इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा विशेष रूप से की जाती है। मां लक्ष्मी धन और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं। इस दिन मां दुर्गा और संतोषी माता की उपासना से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
यात्रा टिप्स: आज पश्चिम दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।
पंचांग का महत्व
पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता की ओर मार्गदर्शन करने वाला एक महत्वपूर्ण साधन है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय के अनुसार चलने की प्रेरणा देता है।
पंचांग के पांच प्रमुख अंग:
वार: सप्ताह के दिनों का महत्व बताता है।
तिथि: चंद्र मास के अनुसार दिन की गणना।
नक्षत्र: विशिष्ट नक्षत्रों की स्थिति।
योग: खगोलीय संयोगों का महत्व।
करण: आधे तिथि का सूचक।
पंचांग का अनुसरण करके हम अपने जीवन को अधिक सफल और समृद्ध बना सकते हैं।