25 जून 2025 का पंचांग: अमावस्या और शुभ मुहूर्त
आज का पंचांग
25 जून 2025 का पंचांग: आज 25 जून, 2025 को आषाढ़ माह की अमावस्या तिथि है। दिन की लंबाई 13 घंटे 57 मिनट 52 सेकंड और रात की लंबाई 10 घंटे 2 मिनट 25 सेकंड होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह ग्रीष्म ऋतु का समय है और सूर्य उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं।
आइए जानते हैं कि 25 जून के पंचांग के पांच अंग - तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की स्थिति क्या है। आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ है और राहु काल कब है?
तिथि
आज आषाढ़ मास की अमावस्या तिथि है, जो 25 जून को 04:00 PM तक रहेगी। इसके बाद शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरू होगी। अमावस्या तिथि को पूर्णा तिथि माना जाता है, जिसके स्वामी भगवान पितृदेव हैं। यह तिथि शुभ मुहूर्तों में नहीं आती।
नक्षत्र
आज का दिन मृगशिरा नक्षत्र से शुरू होगा, जो 25 जून को 10:40 AM तक रहेगा। यह एक शुभ नक्षत्र है, इसके बाद आर्द्रा नक्षत्र का आरंभ होगा।
दिन/वार
आज बुधवार है, जो हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। यह दिन बुध ग्रह का भी है, इसलिए इस दिन विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।
योग
आज का दिन गंड योग से शुरू होगा, जो 25 जून को 06:00 AM तक रहेगा, यह शुभ नहीं है। इसके बाद वृद्धि योग का आरंभ होगा। आज सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है, जो इस दिन को खास बनाता है।
करण
आज 05:28 AM तक चतुष्पाद करण रहेगा, इसके बाद नाग करण शुरू होगा, जो 25 जून को 04:00 PM तक रहेगा। इसके बाद किंस्तुघ्न करण का आरंभ होगा।
सूर्य-चंद्र गोचर
आज सूर्य मिथुन राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी बुध हैं। चंद्रमा भी मिथुन राशि में गोचर कर रहे हैं।
शुभ-अशुभ काल
आज शुभ मुहूर्त:
ब्रह्म मुहूर्त: 04:05 AM से 04:45 AM
प्रातः सन्ध्या: 04:25 AM से 05:25 AM
विजय मुहूर्त: 02:43 PM से 03:39 PM
गोधूलि मुहूर्त: 07:21 PM से 07:42 PM
सायाह्न सन्ध्या: 07:23 PM से 08:23 PM
अमृत काल: 11:34 PM से 01:02 AM, 26 जून
आज अशुभ मुहूर्त:
राहुकाल: 12:24 PM से 02:09 PM
यमगण्ड: 07:10 AM से 08:54 AM
दुर्मुहूर्त काल: 11:56 AM से 12:52 PM
गुलिक काल: 10:39 AM से 12:24 PM
विष घटी/वर्ज्य काल: 06:24 PM से 07:53 PM
25 जून 2025 के पर्व और त्योहार
आज आषाढ़ मास की अमावस्या है और बुधवार का दिन है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा विशेष रूप से की जाती है। बुधवार को यात्रा करने से पहले उत्तर दिशा में जाने से बचें।
पंचांग का महत्व
पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता और समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करने वाला एक महत्वपूर्ण साधन है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय के अनुसार चलने की प्रेरणा देता है।
पंचांग के पांच प्रमुख अंग:
वार: सप्ताह के दिनों का महत्व बताता है।
तिथि: चंद्र मास के अनुसार दिन की गणना।
नक्षत्र: विशिष्ट नक्षत्रों की स्थिति।
योग: खगोलीय संयोगों का महत्व।
करण: आधे तिथि का सूचक।
पंचांग का अनुसरण करके हम अपने जीवन को अधिक सफल और समृद्ध बना सकते हैं।