अंबाला में ज्ञानी करनैल सिंह गरीब का अंतिम संस्कार, संगत ने दी भावभीनी विदाई
अंतिम विदाई का आयोजन
- मंगलवार सुबह 8 बजे फूलों की रस्म, 11 जुलाई को गुरुद्वारा शहीद गंज साहिब में होगी अंतिम अरदास
अंबाला। सिख समुदाय के प्रतिष्ठित विद्वान ज्ञानी करनैल सिंह गरीब का अंतिम संस्कार 7 जुलाई को उनके पैतृक गांव अली माजरा में किया गया। इस अवसर पर संगत ने दूर-दूर से आकर उन्हें अंतिम विदाई दी। विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी बाबा जी के दर्शन किए।
जब बाबा जी की पार्थिव देह अली माजरा पहुंची, तो संगत पहले से ही वहां मौजूद थी। उनके अंतिम दर्शन के लिए लोग सड़क पर खड़े रहे। इस दौरान भाई मेहर सिंह मीत जी के रागी जत्थे ने भक्ति गीत गाए।
ज्ञानी जी की अंतिम यात्रा में कई प्रमुख सिख हस्तियों ने भाग लिया, जिन्होंने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
बाबा जी की फूलों की रस्म मंगलवार सुबह 8 बजे होगी। इसके बाद 9 जुलाई को उनके घर पर अखंड पाठ साहिब का आयोजन होगा। 11 जुलाई को सुबह पाठ की समाप्ति के बाद गुरुद्वारा शहीद गंज साहिब में अंतिम अरदास होगी।
ज्ञानी जी का निधन 2 जुलाई को 67 वर्ष की आयु में हुआ। वह लंबे समय से बीमार थे और चंडीगढ़ के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे।
ज्ञानी जी का योगदान
ज्ञानी जी ने अपने जीवन में गुरबाणी और सिख धर्म का प्रचार किया। वह सामाजिक समरसता और भाईचारे के लिए भी जाने जाते थे। उन्होंने समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने का प्रयास किया और जरूरतमंद कन्याओं की शादियों में भी मदद की। उनका जीवन गुरु के नाम को समर्पित था और उन्होंने दूसरों को भी गुरु का नाम लेने के लिए प्रेरित किया।