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अक्टूबर में एकादशी व्रत: पापाकुंशी और रमा एकादशी की तिथियाँ और महत्व

अक्टूबर महीने में दो महत्वपूर्ण एकादशी व्रत, पापाकुंशी और रमा एकादशी, मनाए जाएंगे। जानें इन व्रतों की तिथियाँ और धार्मिक महत्व। पापाकुंशी एकादशी का व्रत अनजाने पापों से मुक्ति दिलाता है, जबकि रमा एकादशी आर्थिक बाधाओं को दूर करने में सहायक है। इस लेख में इन व्रतों की तिथियों और उनके महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।
 

एकादशी व्रत का महत्व

हर महीने में दो एकादशी तिथियाँ आती हैं। इसी प्रकार, अक्टूबर में भी दो एकादशी तिथियाँ मनाई जाएंगी। इस दौरान पापाकुंशी एकादशी और रमा एकादशी का व्रत रखा जाएगा। एकादशी व्रत करने वाले भक्तों को भगवान श्रीहरि विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, एकादशी का व्रत करने और विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से भक्त के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है, साथ ही माता लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि अक्टूबर में एकादशी का व्रत कब-कब होगा।


पापाकुंशी एकादशी की तिथि

पंचांग के अनुसार, आश्विन माह में आने वाली एकादशी तिथि को पापाकुंशी एकादशी का व्रत किया जाता है। इस बार 02 अक्टूबर की रात 07:09 बजे आश्विन माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि शुरू होगी। वहीं, अगले दिन 03 अक्टूबर की शाम 06:32 बजे इस तिथि का समापन होगा। उदयातिथि के अनुसार, 03 अक्टूबर 2025 को पापाकुंशी एकादशी का व्रत किया जाएगा।


रमा एकादशी की तिथि

पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह में आने वाली एकादशी तिथि को रमा एकादशी का व्रत किया जाता है। कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी की शुरुआत 16 अक्टूबर की सुबह 10:35 बजे होगी। अगले दिन 17 अक्टूबर की शाम 11:12 बजे इस तिथि का समापन होगा। उदयातिथि के अनुसार, 16 अक्टूबर 2025 को रमा एकादशी का व्रत किया जाएगा।


पापाकुंशी एकादशी का महत्व

पापाकुंशी एकादशी का व्रत करने से भक्त को अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही, यह व्रत भक्त के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाता है। इस व्रत को करने से नरक से मुक्ति भी मिलती है।


रमा एकादशी का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रमा एकादशी का व्रत करने से भक्त को आर्थिक बाधाओं से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा, व्रत करने वाले भक्त को मोक्ष की प्राप्ति होती है और धन-धान्य से संबंधित समस्याएँ दूर होती हैं।