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आषाढ़ अमावस्या 2025: धन और समृद्धि के लिए 5 प्रभावशाली उपाय

आषाढ़ अमावस्या 2025, जो 24 जून को मनाई जाएगी, धन और समृद्धि के लिए विशेष अवसर है। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करने से आर्थिक समस्याएं हल हो सकती हैं। जानें इस दिन के लिए 5 प्रभावशाली उपाय, जैसे माता लक्ष्मी की पूजा, पितरों को तर्पण, और कुबेर मंत्र का जाप। ये उपाय न केवल धन की कमी को दूर करेंगे, बल्कि आपके जीवन में सुख और समृद्धि भी लाएंगे।
 

आषाढ़ अमावस्या 2025 का महत्व

Ashadha Amavasya 2025: वर्ष 2025 में आषाढ़ अमावस्या का पर्व 24 जून की शाम 6:59 बजे से आरंभ होकर 25 जून की शाम 4 बजे तक रहेगा। इस प्रकार, अमावस्या की रात 24 जून को मनाई जाएगी। इस रात किए गए उपाय विशेष रूप से प्रभावी माने जाते हैं।


धन, सुख और समृद्धि के लिए विशेष दिन

यह दिन धन, सुख और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण अवसर लेकर आएगा। ज्योतिष के अनुसार, इस दिन मां लक्ष्मी, भगवान विष्णु और पितरों की कृपा प्राप्त करने का उत्तम समय है। 'बृहत पराशर होरा शास्त्र' और 'गरुड़ पुराण' के अनुसार, इस दिन पूजा और दान से पापों का नाश होता है और आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं। यदि आप वित्तीय समस्याओं का समाधान करना चाहते हैं, तो आषाढ़ अमावस्या पर 5 सरल उपाय कर सकते हैं।


माता लक्ष्मी की पूजा

माता लक्ष्मी धन की देवी मानी जाती हैं। आषाढ़ अमावस्या पर उनकी पूजा अत्यंत फलदायी होती है। इस रात माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करें। उन्हें लाल फूल, कमल और खीर अर्पित करें। इसके साथ ही 'ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें। अंत में, किसी जरूरतमंद को चावल, दाल या सफेद मिठाई दान करें। इस पूजा से आर्थिक समस्याएं हल होती हैं और व्यवसाय या नौकरी में प्रगति होती है। दान से नकारात्मक ऊर्जा कम होती है।


पितरों को तर्पण

आषाढ़ अमावस्या पितरों को संतुष्ट करने का विशेष दिन है। पितरों की कृपा से वित्तीय बाधाएं दूर होती हैं और धन का प्रवाह बढ़ता है। 25 जून को सुबह स्नान के बाद दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके तांबे के लोटे में पानी, काले तिल और जौ मिलाएं। पितरों का नाम लेकर 'ॐ पितृभ्यो नमः' कहते हुए जल अर्पित करें। यदि संभव हो, तो किसी ब्राह्मण को भोजन कराएं।


पीपल के पेड़ की पूजा

पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का निवास माना जाता है। इस रात पीपल की पूजा करने से धन संबंधी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। अमावस्या की रात पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इसके साथ ही पेड़ की जड़ में कच्चा दूध और पानी चढ़ाएं। 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का 21 बार जाप करें। इसके बाद पीपल के पेड़ की 7 बार परिक्रमा करें और लाल धागा लपेटें।


कुबेर मंत्र का जाप

कुबेर को धन का देवता माना जाता है। इसलिए अमावस्या की रात उत्तर दिशा में कुबेर यंत्र रखें और उस पर केसर लगाएं। इसके साथ ही 'ॐ यक्षराजाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें। पीले कपड़े का दान करें।


हनुमान चालीसा का पाठ

आषाढ़ अमावस्या की रात हनुमान मंदिर जाकर उनकी मूर्ति के सामने दीपक जलाएं। इसके साथ ही 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें। हनुमान जी को चमेली का तेल और सिंदूर अर्पित करें।


महत्वपूर्ण सूचना

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।