ईरान-इजरायल युद्ध विराम के बाद खामनेई की रहस्यमय अनुपस्थिति
युद्ध विराम की घोषणा
12 दिनों की लड़ाई के बाद, अमेरिका ने ईरान और इजरायल के बीच युद्ध विराम की घोषणा की। हालांकि, इस बीच ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामनेई की अनुपस्थिति ने सबको चौंका दिया। युद्ध विराम के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस सफलता का श्रेय लेते हुए कहा कि उन्होंने युद्ध को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी कहा कि उन्होंने अमेरिका के समर्थन से ईरान की न्यूक्लियर साइट्स को नष्ट करने में सफलता प्राप्त की। दूसरी ओर, ईरान की सेना ने इजरायल के शहरों पर बैलेस्टिक मिसाइलों से हमले कर अपनी जीत का दावा किया। ईरान की सड़कों पर लोग जश्न मनाते हुए खामनेई के पोस्टर लिए नजर आए। लेकिन सवाल यह है कि जब युद्ध विराम हो गया, तो खामनेई कहां हैं?
खामनेई की अनुपस्थिति पर सवाल
जंग के दौरान, 18 जून को खामनेई का एक वीडियो सामने आया था, लेकिन उसके बाद वे गायब हो गए। 24 जून को युद्ध विराम की घोषणा के बावजूद, खामनेई का कोई वीडियो नहीं आया। इस पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया में खामनेई की अनुपस्थिति को लेकर चर्चा तेज हो गई। न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया कि पिछले एक सप्ताह में खामनेई को सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया। ऐसे में सवाल उठने लगे कि क्या ईरानी सुप्रीम लीडर सुरक्षित हैं?
सरकारी टेलीविजन पर खामनेई की स्थिति
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के सरकारी टेलीविजन पर खामनेई के कार्यालय के एक अधिकारी से उनकी स्थिति के बारे में पूछा गया। टीवी होस्ट ने कहा कि लोग खामनेई के बारे में चिंतित हैं। अधिकारी ने सीधे जवाब नहीं दिया, लेकिन कहा कि हमें प्रार्थना करनी चाहिए कि खामनेई की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार लोग अपना काम सही तरीके से कर रहे हैं। खामनेई की अनुपस्थिति ने ईरानी जनता को भी चिंतित कर दिया। लेकिन 52 घंटे बाद, खामनेई का एक 5 मिनट 9 सेकंड का वीडियो जारी किया गया, जिसमें उन्होंने अमेरिका और इजरायल को धमकी दी।
खामनेई का बयान
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामनेई ने इजरायल-ईरान के बीच हालिया युद्ध विराम के बाद गुरुवार को अपना पहला सार्वजनिक बयान दिया। उन्होंने कहा कि ईरान ने इस्राइल पर जीत हासिल की है और अमेरिका को इस युद्ध में कोई लाभ नहीं हुआ। खामनेई ने वीडियो संदेश में कहा कि अमेरिका ने युद्ध में हस्तक्षेप किया क्योंकि उसे डर था कि यहूदी शासन पूरी तरह से नष्ट हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में भी ईरान अमेरिकी ठिकानों पर हमला कर सकता है।