×

कजरी तीज 2025: पूजा विधि और शुभ मुहूर्त की जानकारी

कजरी तीज 2025 का व्रत सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण है। यह व्रत हरियाली तीज के 15 दिन बाद मनाया जाता है। इस लेख में हम आपको कजरी तीज की सही तिथि, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में जानकारी देंगे। जानें कैसे इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है और किस प्रकार से व्रत का पालन किया जाता है।
 

कजरी तीज का महत्व

Kajari Teej 2025: तीज व्रत का विशेष महत्व सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए है। सबसे पहले हरियाली तीज मनाई जाती है, इसके 15 दिन बाद कजरी तीज और अंत में हरतालिका तीज का आयोजन होता है। इन तीनों तीजों पर भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है, और निर्जला उपवास रखना भी शुभ माना जाता है।


कजरी तीज 2025 की तिथि

द्रिक पंचांग के अनुसार, 2025 में भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि 11 अगस्त को सुबह 10:33 बजे से शुरू होगी और 12 अगस्त को सुबह 08:40 बजे समाप्त होगी। इस बार कजरी तीज 12 अगस्त 2025, मंगलवार को मनाई जाएगी। हरियाली तीज 27 जुलाई 2025 को और हरतालिका तीज 26 अगस्त 2025 को होगी।


कजरी तीज की पूजा का मुहूर्त

कजरी तीज की पूजा का मुहूर्त



  • सूर्योदय: प्रात: 05:49 बजे

  • ब्रह्म मुहूर्त: 04:23 से 05:06 बजे तक

  • अभिजित मुहूर्त: 11:59 से 12:52 बजे तक

  • गोधूलि मुहूर्त: 07:03 से 07:25 बजे तक

  • राहुकाल: 03:45 से 05:24 बजे तक


कजरी तीज की पूजा विधि

कजरी तीज की पूजा विधि



  • सूर्योदय से पहले स्नान कर लाल या हरे रंग की साड़ी पहनें और 16 श्रृंगार करें।

  • घर के मंदिर में एक मंडप बनाकर भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें।

  • हाथ जोड़कर व्रत का संकल्प लें।

  • पहले गणेश जी की पूजा करें, फिर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें।

  • शिव जी को गंगाजल, दूध, दही, शहद और बेलपत्र अर्पित करें।

  • देवी पार्वती को 16 श्रृंगार का सामान अर्पित करें और इस दौरान शिव मंत्रों का जाप करें।

  • पूजा के बाद सभी सामग्री को बहते पानी में प्रवाहित कर दें।