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कजरी तीज: सुहागिनों के लिए विशेष पर्व की तैयारी

कजरी तीज, जो भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है, सुहागिन महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस वर्ष, यह पर्व 12 अगस्त को मनाया जाएगा। महिलाएं इस दिन अपने पतियों की लंबी उम्र और सुखद वैवाहिक जीवन की कामना करते हुए निर्जला व्रत करती हैं। जानें इस पर्व के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं, ताकि व्रत का फल प्राप्त हो सके।
 

कजरी तीज का महत्व

कजरी तीज, जो भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है, सुहागिन महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस वर्ष, यह पर्व 12 अगस्त, मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और सुखद वैवाहिक जीवन की कामना करते हुए निर्जला व्रत करती हैं। व्रत के दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है, अन्यथा व्रत का फल नहीं मिलता।


कजरी तीज पर क्या न करें



  • सफेद या काले वस्त्रों का त्याग: इस दिन सुहागिनों को सफेद या काले रंग के कपड़े, चूड़ियाँ या अन्य श्रृंगार सामग्री का उपयोग नहीं करना चाहिए। हरे, लाल या पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है।

  • पति से कलह: इस पवित्र दिन पर पति के साथ किसी भी प्रकार का विवाद या झगड़ा नहीं करना चाहिए। इससे वैवाहिक जीवन में नकारात्मकता आती है।

  • निंदा और चुगली से बचें: व्रत के दौरान किसी की निंदा या चुगली करने से बचना चाहिए। सकारात्मक विचारों पर ध्यान दें।

  • दिन में सोना: कजरी तीज का व्रत रखने वाली महिलाओं को दिन में सोना नहीं चाहिए। उन्हें भजन-कीर्तन में समय बिताना चाहिए।

  • झाड़ू लगाना: इस दिन घर में झाड़ू लगाने से लक्ष्मी माता अप्रसन्न हो सकती हैं।

  • चंद्रमा को अर्घ्य दिए बिना व्रत खोलना: कजरी तीज का व्रत चंद्रमा को जल अर्पित करने के बाद ही खोला जाता है।

  • अशुद्ध या तामसिक भोजन: व्रत का पारण हमेशा सात्विक भोजन से करना चाहिए।