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करवा चौथ: अविवाहित लड़कियों के लिए व्रत के नियम और महत्व

करवा चौथ का व्रत अब केवल विवाहित महिलाओं तक सीमित नहीं रहा है। अविवाहित लड़कियां भी इस दिन अपने प्रेम या सगाई के रिश्ते की खुशियों के लिए व्रत रख सकती हैं। जानें इस व्रत के नियम, पूजा विधि और इसके महत्व के बारे में। क्या आप जानना चाहते हैं कि अविवाहित लड़कियां कैसे इस व्रत को रख सकती हैं? पढ़ें पूरी जानकारी यहाँ।
 

करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर को


करवा चौथ का व्रत, नई दिल्ली: करवा चौथ केवल विवाहित महिलाओं के लिए नहीं है, बल्कि अब कई अविवाहित लड़कियां भी इसे मनाने लगी हैं। यह व्रत हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को रखा जाता है, और इस वर्ष यह 10 अक्टूबर 2025 को होगा। विवाहित महिलाएं इस दिन अपने पतियों की लंबी उम्र और सुखद जीवन के लिए व्रत करती हैं।


अविवाहित लड़कियों के लिए व्रत के नियम

इस दिन निर्जला व्रत रखना आवश्यक है, लेकिन अविवाहित लड़कियां इसे अपने तरीके से रख सकती हैं। यदि आप अविवाहित हैं या सगाई में हैं, तो आप भी इस व्रत को रख सकती हैं, लेकिन कुछ विशेष नियमों का पालन करना होगा।


निर्जला व्रत की आवश्यकता नहीं

अविवाहित लड़कियों को पूरे दिन पानी या भोजन का त्याग करने की आवश्यकता नहीं है। वे फल, दूध या हल्का भोजन कर सकती हैं। इसका मुख्य उद्देश्य मन और आत्मा की शुद्धि है।


पूजा विधि

अविवाहित लड़कियों को करवा माता, भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय की पूजा करनी चाहिए। पूजा से पहले माता करवा की कथा सुनना आवश्यक है। यह पूजा परिवार में सुख और शांति लाने में मदद करती है।


पारण की प्रक्रिया

विवाहित महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करती हैं, जबकि अविवाहित लड़कियों को तारों को अर्घ्य देना चाहिए। इसके लिए छलनी का उपयोग करना अनिवार्य नहीं है।


फलाहारी व्रत

अविवाहित लड़कियों के लिए व्रत को हल्का और फलाहारी रखना अधिक उपयुक्त होता है। फल, खजूर, दूध और हल्का भोजन रखकर भी व्रत का महत्व पूरा किया जा सकता है।


व्रत का महत्व

करवा चौथ का व्रत केवल पति की लंबी उम्र के लिए नहीं है, बल्कि यह विश्वास, धैर्य और रिश्तों में समर्पण का प्रतीक भी है। अविवाहित लड़कियां इसे अपने प्रेम या सगाई के लिए रखती हैं, जिससे मानसिक संतोष और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।