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करवा चौथ पर जानें राजस्थान के अद्वितीय करवा माता मंदिर की विशेषताएँ

करवा चौथ का पर्व इस वर्ष 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा, जो सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन करवा माता की पूजा की जाती है। राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित करवा माता मंदिर की विशेषताएँ और मान्यता जानें। यहाँ पहुँचने के लिए 700 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं, और यह मंदिर अपनी भव्यता और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। जानें इस अद्वितीय मंदिर के बारे में और कैसे यहाँ की पूजा से महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है।
 

करवा चौथ का त्योहार

इस वर्ष करवा चौथ का पर्व 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा। यह दिन सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि वे इस दिन निर्जला व्रत करती हैं। इस व्रत का उद्देश्य पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करना है, जिससे वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। इस दिन करवा माता की पूजा का विशेष महत्व है।


करवा माता मंदिर का स्थान

राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के बरवाड़ा गांव में करवा माता का मंदिर स्थित है। इसकी मान्यता दूर-दूर तक फैली हुई है। यह मंदिर अरावली पर्वत की ऊंचाई पर लगभग एक हजार फीट की ऊंचाई पर बना हुआ है, और इसके चारों ओर की प्राकृतिक सुंदरता मन को मोह लेती है। यह स्थान एक धार्मिक केंद्र होने के साथ-साथ एक पर्यटन स्थल भी है।


करवा माता मंदिर की विशेषताएँ

इस मंदिर तक पहुँचने के लिए श्रद्धालुओं को 700 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं। यहाँ माता करवा की मूर्ति के साथ-साथ भगवान गणेश और भैरव की मूर्तियाँ भी स्थापित हैं। करवा चौथ, भाद्रपद चौथ, माघ चौथ और लक्खी मेले का आयोजन भी यहाँ होता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं। नवरात्रि के दौरान यहाँ विशेष आयोजन होते हैं, जो मंदिर की भव्यता को और बढ़ाते हैं।


मंदिर का ऐतिहासिक महत्व

इस मंदिर का निर्माण 1451 में महाराजा भीम सिंह चौहान द्वारा किया गया था, जो माता के बड़े भक्त थे। 1452 में मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया। मंदिर के मार्ग पर बिजल की छतरी और तालाब का निर्माण 1463 में हुआ था। यहाँ राजपूताने शैली की अद्वितीय झलक देखने को मिलती है, और यह मंदिर सफेद संगमरमर से बना है।


मंदिर की मान्यता

यह माना जाता है कि करवा माता मंदिर में सच्चे मन से मांगी गई हर इच्छा पूरी होती है। यहाँ दर्शन और पूजा करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। करवा चौथ के दिन इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है।