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कर्मचारियों के लिए नए श्रम कानून: 1 साल की सेवा पर मिलेगी ग्रेच्युटी

केंद्र सरकार ने चार नए श्रम कानून लागू किए हैं, जो कर्मचारियों के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आए हैं। अब 1 साल की सेवा पर ग्रेच्युटी मिलेगी, और ओवरटाइम के लिए दोगुना वेतन का प्रावधान है। इसके अलावा, महिलाओं को समान वेतन और स्वास्थ्य सुरक्षा की नई सुविधाएं भी दी गई हैं। जानें इन नए नियमों के बारे में विस्तार से।
 

केंद्र सरकार का नया श्रम कानून

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने देश के लाखों कर्मचारियों को राहत देते हुए पुराने श्रम कानूनों को बदलकर चार नए लेबर कोड लागू किए हैं। इन परिवर्तनों का सीधा प्रभाव कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति और सामाजिक सुरक्षा पर पड़ेगा। इस निर्णय से लगभग 40 करोड़ कामगारों को न्यूनतम वेतन, समय पर वेतन, नियुक्ति पत्र और स्वास्थ्य सुरक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं कानूनी अधिकार के रूप में प्राप्त होंगी। सरकार ने स्पष्ट किया है कि इसका उद्देश्य श्रमिकों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार सामाजिक न्याय प्रदान करना है।


नए नियमों में सबसे महत्वपूर्ण परिवर्तन ग्रेच्युटी और ओवरटाइम से संबंधित है। पहले, ग्रेच्युटी पाने के लिए कर्मचारियों को एक ही संस्थान में 5 साल तक काम करना आवश्यक था, लेकिन अब 'फिक्स्ड टर्म एम्प्लॉईज' (अनुबंध पर काम करने वाले) को केवल 1 साल की सेवा के बाद ग्रेच्युटी प्राप्त करने का अधिकार मिलेगा। इसके अतिरिक्त, काम के घंटों को लेकर भी सख्त नियम बनाए गए हैं। नए कोड के अनुसार, यदि कोई कर्मचारी अपनी निर्धारित शिफ्ट से अधिक काम करता है, तो उसे ओवरटाइम के लिए दोगुना वेतन दिया जाएगा, जिससे श्रमिकों के शोषण को रोका जा सकेगा।


सरकार ने सामाजिक सुरक्षा और कार्यस्थल पर समानता पर भी जोर दिया है। नए नियमों के तहत महिलाओं को पुरुषों के समान वेतन और सम्मान की गारंटी दी गई है। इसके अलावा, युवाओं को नौकरी शुरू करते समय नियुक्ति पत्र (Appointment Letter) देना अनिवार्य कर दिया गया है, ताकि उनके साथ कोई धोखाधड़ी न हो। स्वास्थ्य सुरक्षा के संदर्भ में, 40 वर्ष से अधिक उम्र के श्रमिकों को साल में एक बार मुफ्त स्वास्थ्य जांच की सुविधा मिलेगी। साथ ही, जोखिम भरे क्षेत्रों में काम करने वालों को 100% स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान की जाएगी।