कार्तिक पूर्णिमा: दान का महत्व और भगवान विष्णु की कृपा
कार्तिक माह का महत्व
नई दिल्ली: हिंदू धर्म में विभिन्न तीज-त्योहारों और विशेष अवसरों पर भगवान की पूजा की जाती है, लेकिन कार्तिक का पूरा महीना विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। यह महीना भगवान विष्णु को समर्पित है, और इस दौरान स्नान और दान का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। बुधवार को कार्तिक माह का अंतिम दिन है, जो पूर्णिमा के कारण धार्मिक दृष्टि से अत्यंत फलदायी है।
दान का महत्व
कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान करने से सभी पापों का नाश होता है और व्यक्ति को धन, सुख और ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन अन्न दान का विशेष महत्व है। गेहूं, चावल, दालें, आटा या चीनी का दान करना शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो भी इस दिन अन्न का दान करता है, उसके घर में अन्न की कमी नहीं होती।
दीपदान और अन्य दान
दीपदान करना भी इस दिन शुभ होता है। घर के पास किसी मंदिर या घाट पर दीप जलाने से जीवन के अंधकार से मुक्ति मिलती है। तिल, गुड़ और घी का दान भी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है और भगवान विष्णु तथा मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा, गर्म कपड़ों या कंबल का दान करना भी अच्छा रहता है, जिससे धन की कमी नहीं होती।
दान करने के नियम
मीठे व्यंजनों का दान या ब्राह्मणों को भोजन कराना भी उत्तम रहेगा। दान करने से पहले कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान करना चाहिए। यदि आप पवित्र नदियों से दूर हैं, तो घर में मौजूद गंगाजल या यमुनाजल का उपयोग करें। इसके बाद, सच्चे मन से दान करने का संकल्प लें और पूरी श्रद्धा से दान करें।