काल भैरव जयंती पर विशेष उपाय: कैसे प्राप्त करें भैरव की कृपा
भगवान शिव के रुद्रावतार काल भैरव
हर साल मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव जयंती मनाई जाती है। यह दिन भगवान शिव के रुद्रावतार काल भैरव के अवतरण का प्रतीक है। इस वर्ष, यह विशेष पर्व 12 नवंबर, बुधवार को मनाया जाएगा। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से भक्त काल भैरव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
राहु के प्रभाव से मिलेगी मुक्ति
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु का बुरा प्रभाव है, तो उसे काल भैरव जयंती पर श्रद्धा के साथ पूजा करनी चाहिए। इससे राहु के दुष्प्रभाव से राहत मिल सकती है। भक्त मंदिर जाकर या घर पर भी काल भैरव के मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
नकारात्मक ऊर्जा से मिलेगी सुरक्षा
इस दिन पूजा के बाद भैरव बाबा को मीठी रोटी, नारियल या जलेबी का भोग अर्पित करें। साथ ही, सरसों के तेल का दीपक जलाएं और भैरव चालीसा या भैरव अष्टक का पाठ करें। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है और सकारात्मकता का प्रवाह बढ़ता है, जिससे जीवन में सुख और शांति बनी रहती है।
भय से मिलेगी मुक्ति
काल भैरव जयंती पर पूजा के समय काल भैरव जी के चरणों में काले रंग का धागा अर्पित करें। इसके बाद ऊँ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ का जाप करें। इससे सभी प्रकार के भय दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
विशेष कार्य करें
इस दिन काले रंग के कुत्ते को रोटी या दूध देना न भूलें, क्योंकि काला कुत्ता भगवान भैरव का सेवक माना जाता है। ऐसा करने से बाबा भैरव प्रसन्न होते हैं और साधक पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं।