खरमास: जानें कब शुरू होगा और शुभ कार्यों पर क्यों है रोक
खरमास का महत्व
खरमास का समय और शुभ कार्यों की असफलता
हिंदू धर्म में खरमास का महीना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे अशुभ समय माना जाता है, जिसमें किसी भी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस अवधि में किए गए शुभ कार्य सफल नहीं होते और उनका फल अधूरा रहता है। आइए जानते हैं कि इस साल खरमास कब शुरू होगा और कब समाप्त होगा।
खरमास की तिथियाँ
खरमास तब शुरू होता है जब सूर्य भगवान गुरु बृहस्पति की राशि धनु और मीन में प्रवेश करते हैं। इस वर्ष, सूर्य का धनु राशि में प्रवेश 16 दिसंबर को होगा, जिस दिन धनु संक्रांति मनाई जाएगी। इसी दिन से खरमास की शुरुआत होगी और यह 14 जनवरी 2026 को समाप्त होगा।
खरमास में शुभ कार्यों पर रोक
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब सूर्य धनु या मीन राशि में प्रवेश करता है, तो उसकी ऊर्जा में कमी आ जाती है। सूर्य को कार्यों की सफलता का कारक माना जाता है, जबकि गुरु बृहस्पति शुभता और मांगलिक कार्यों के लिए जिम्मेदार होते हैं। जब सूर्य और गुरु का योग बनता है, तो गुरु की शुभता कुछ समय के लिए कमजोर हो जाती है, जिससे खरमास के दौरान नए शुभ कार्य शुरू करना उचित नहीं माना जाता।
खरमास में किए जाने वाले कार्य
खरमास के दौरान पूजा-पाठ, दान, तीर्थ यात्रा और धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। इस समय भगवान सूर्य और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, और इस अवधि में पूजा-पाठ को शुभ माना जाता है।