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गणेश चतुर्थी व्रत के नियम: जानें क्या करें और क्या न करें

गणेश चतुर्थी का पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह भगवान गणेश के जन्मोत्सव का प्रतीक है और इसे विशेष नियमों के साथ मनाने की परंपरा है। इस लेख में जानें गणेश चतुर्थी पर व्रत के दौरान क्या करना चाहिए और किन बातों से बचना चाहिए। सही विधि और नियमों का पालन करने से जीवन में सुख-समृद्धि और विघ्नों का नाश होता है।
 

गणेश चतुर्थी का महत्व

गणेश चतुर्थी का पर्व: गणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह पर्व भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसे विघ्नहर्ता गणेश की पूजा और आशीर्वाद प्राप्त करने का विशेष अवसर माना जाता है। श्रद्धालु घरों और सार्वजनिक पंडालों में मिट्टी की गणेश प्रतिमा स्थापित कर 10 दिनों तक पूजा करते हैं और अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति का विसर्जन करते हैं।


गणेश चतुर्थी का सांस्कृतिक महत्व

गणेश चतुर्थी केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह संस्कृति, कला और सामूहिक एकता का पर्व भी है। इस दिन विधिपूर्वक व्रत-पूजन करने से जीवन में सुख-समृद्धि और विघ्नों का नाश होता है। शास्त्रों और परंपराओं में गणेश चतुर्थी पर कुछ विशेष नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना आवश्यक है।


गणेश चतुर्थी पर क्या करें

  • व्रत के दिन प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  • पूजा से पहले घर की अच्छी तरह सफाई करें और गंगाजल से शुद्ध करें।
  • गणपति की प्रतिमा मिट्टी की ही स्थापित करें।
  • पूजा के दौरान भगवान गणेश को दूर्वा, मोदक, नारियल, फल और मिठाई अर्पित करें।
  • सात्विक भोजन का सेवन करें, जैसे फल, दूध, खीर, आंवला, सिंघाड़ा।
  • व्रत का पालन विधिपूर्वक करें और पूजा के समय गणपति मंत्रों का जाप करें।
  • यदि किसी कारणवश व्रत तोड़ना पड़े तो उद्यापन अवश्य करें, अन्यथा व्रत निष्फल हो सकता है।


गणेश चतुर्थी पर क्या न करें

  • व्रत और पूजा के दौरान मांसाहार और मदिरा का सेवन न करें।
  • घर में अशुद्धता या गंदगी न रखें।
  • पूजा के समय अपवित्र या गंदे कपड़े न पहनें।
  • गणेश जी की प्रतिमा को अकेले या असावधानी से विसर्जित न करें, इसे विधिपूर्वक और श्रद्धा से करें।
  • पूजा के दौरान जल्दबाजी न करें, शांत मन से पूरी श्रद्धा के साथ पूजा संपन्न करें।
  • लोभ या दिखावे के लिए व्रत-पूजन न करें, इसे केवल श्रद्धा और भक्ति से निभाना चाहिए।
  • गणेश चतुर्थी पर इन नियमों का पालन करने से व्रत-पूजन फलदायी होता है और भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है।