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गणेश चालीसा के बोल: गणेश चतुर्थी 2025 की तैयारी

गणेश चतुर्थी 2025 का पर्व नजदीक है, और इस अवसर पर भगवान गणेश की भक्ति में लिप्त होने का सबसे अच्छा तरीका है श्री गणेश चालीसा का पाठ। यह चालीसा न केवल भक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह बुद्धि, ज्ञान और सफलता का आशीर्वाद भी देती है। इस लेख में, हम गणेश चालीसा के पूरे बोल हिंदी और अंग्रेजी में प्रस्तुत कर रहे हैं, जिससे आप आसानी से इसे पढ़ सकें और अपने जीवन में बप्पा की कृपा प्राप्त कर सकें।
 

गणेश चालीसा के महत्व

गणेश चतुर्थी 2025 का पावन पर्व नजदीक है, और इस अवसर पर भगवान गणेश की भक्ति में लिप्त होने का सबसे उत्तम तरीका है श्री गणेश चालीसा का पाठ करना। यह चालीस पंक्तियों का भक्ति गीत विघ्नहर्ता गणपति की स्तुति में लिखा गया है, जिसमें उनके जन्म, स्वरूप, गुण और भक्तों पर की गई कृपा का वर्णन किया गया है। नियमित रूप से गणेश चालीसा का पाठ न केवल मन को शांति प्रदान करता है, बल्कि बुद्धि, ज्ञान और सफलता का आशीर्वाद भी देता है। आइए, श्री गणेश चालीसा के पूरे बोल हिंदी और अंग्रेजी में जानते हैं, जिन्हें आप आसानी से पढ़ सकते हैं और अपने जीवन में बप्पा की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।


श्री गणेश चालीसा: हिंदी में लिरिक्स

दोहा


जय गणपति सदगुण सदन,
कविवर बदन कृपाल।
विघ्न हरण मंगल करण,
जय जय गिरिजालाल॥


चौपाई


जय जय जय गणपति गणराजू।
मंगल भरण करण शुभः काजू॥
जै गजबदन सदन सुखदाता।
विश्व विनायका बुद्धि विधाता॥
वक्र तुण्ड शुची शुण्ड सुहावना।
तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन॥
राजत मणि मुक्तन उर माला।
स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला॥
पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं।
मोदक भोग सुगन्धित फूलं॥
सुन्दर पीताम्बर तन साजित।
चरण पादुका मुनि मन राजित॥
धनि शिव सुवन षडानन भ्राता।
गौरी लालन विश्व-विख्याता॥
ऋद्धि-सिद्धि तव चंवर सुधारे।
मुषक वाहन सोहत द्वारे॥
कहौ जन्म शुभ कथा तुम्हारी।
अति शुची पावन मंगलकारी॥
एक समय गिरिराज कुमारी।
पुत्र हेतु तप कीन्हा भारी॥
भयो यज्ञ जब पूर्ण अनूपा।
तब पहुंच्यो तुम धरी द्विज रूपा॥
अतिथि जानी के गौरी सुखारी।
बहुविधि सेवा करी तुम्हारी॥
अति प्रसन्न हवै तुम वर दीन्हा।
मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा॥
मिलहि पुत्र तुहि, बुद्धि विशाला।
बिना गर्भ धारण यहि काला॥
गणनायक गुण ज्ञान निधाना।
पूजित प्रथम रूप भगवाना॥
अस कही अन्तर्धान रूप हवै।
पालना पर बालक स्वरूप हवै॥
बनि शिशु रुदन जबहिं तुम ठाना।
लखि मुख सुख नहिं गौरी समाना॥
सकल मगन, सुखमंगल गावहिं।
नाभ ते सुरन, सुमन वर्षावहिं॥
शम्भु, उमा, बहुदान लुटावहिं।
सुर मुनिजन, सुत देखन आवहिं॥
लखि अति आनन्द मंगल साजा।
देखन भी आये शनि राजा॥
निज अवगुण गुनि शनि मन माहीं।
बालक, देखन चाहत नाहीं॥
गिरिजा कछु मन भेद बढायो।
उत्सव मोर, न शनि तुही भायो॥
कहत लगे शनि, मन सकुचाई।
का करिहौ, शिशु मोहि दिखाई॥
नहिं विश्वास, उमा उर भयऊ।
शनि सों बालक देखन कहयऊ॥
पदतहिं शनि दृग कोण प्रकाशा।
बालक सिर उड़ि गयो अकाशा॥
गिरिजा गिरी विकल हवै धरणी।
सो दुःख दशा गयो नहीं वरणी॥
हाहाकार मच्यौ कैलाशा।
शनि कीन्हों लखि सुत को नाशा॥
तुरत गरुड़ चढ़ि विष्णु सिधायो।
काटी चक्र सो गज सिर लाये॥
बालक के धड़ ऊपर धारयो।
प्राण मन्त्र पढ़ि शंकर डारयो॥
नाम गणेश शम्भु तब कीन्हे।
प्रथम पूज्य बुद्धि निधि, वर दीन्हे॥
बुद्धि परीक्षा जब शिव कीन्हा।
पृथ्वी कर प्रदक्षिणा लीन्हा॥
चले षडानन, भरमि भुलाई।
रचे बैठ तुम बुद्धि उपाई॥
चरण मातु-पितु के धर लीन्हें।
तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हें॥
धनि गणेश कही शिव हiye हरषे।
नभ ते सुरन सुमन बहु बरसे॥
तुम्हरी महिमा बुद्धि बड़ाई।
शेष सहसमुख सके न गाई॥
मैं मतिहीन मलीन दुखारी।
करहूं कौन विधि विनय तुम्हारी॥
भजत रामसुन्दर प्रभुदासा।
जग प्रयाग, ककरा, दुर्वासा॥
अब प्रभु दया दीना पर कीजै।
अपनी शक्ति भक्ति कुछ दीजै॥


गणेश चालीसा: अंग्रेजी में लिरिक्स

Doha


Jai Ganapati Sadguna Sadan,
Kavivar Badan Kripal.
Vighna Haran Mangal Karan,
Jai Jai Girijalal.


Chaupai


Jai Jai Jai Ganapati Ganaraju,
Mangal Bharan Karan Shubh Kaju.
Jai Gajbadan Sadan Sukhdata,
Vishwa Vinayaka Buddhi Vidhata.
Vakra Tunda Shuchi Shunda Suhavana,
Tilak Tripunda Bhal Man Bhavana.
Rajat Mani Muktan Ur Mala,
Swarna Mukut Shir Nayan Vishala.
Pustak Pani Kuthar Trishulam,
Modak Bhog Sugandhit Phulam.
Sundar Pitambar Tan Sajit,
Charan Paduka Muni Man Rajit.
Dhani Shiv Suvan Shadanana Bhrata,
Gauri Lalan Vishwa-Vikhyata.
Riddhi-Siddhi Tav Chanvar Sudhare,
Mushak Vahan Sohat Dware.
Kahau Janma Shubh Katha Tumhari,
Ati Shuchi Pavan Mangalkari.
Ek Samay Giriraj Kumari,
Putra Hetu Tap Kinha Bhari.
Bhayo Yajna Jab Purna Anupa,
Tab Pahunchyo Tum Dhari Dwij Roopa.
Atithi Jani Ke Gauri Sukhari,
Bahuvidhi Seva Kari Tumhari.
Ati Prasanna Havai Tum Var Dinha,
Matu Putra Hit Jo Tap Kinha.
Milahi Putra Tuhi, Buddhi Vishala,
Bina Garbha Dharan Yahi Kala.
Gananayak Guna Gyan Nidhana,
Pujit Pratham Roop Bhagavana.
As Kahi Antardhan Roop Havai,
Palana Par Balak Swaroop Havai.
Bani Shishu Rudan Jabahi Tum Thana,
Lakhi Mukh Sukh Nahi Gauri Samana.
Sakal Magan, Sukhmangal Gavahi,
Nabh Te Suran, Suman Varshavahi.
Shambhu, Uma, Bahudan Lutavahi,
Sur Munijan, Sut Dekhan Aavahi.
Lakhi Ati Anand Mangal Saja,
Dekhan Bhi Aaye Shani Raja.
Nij Avagun Guni Shani Man Mahi,
Balak, Dekhan Chahat Nahi.
Girija Kachu Man Bhed Badhayo,
Utsav Mor, Na Shani Tuhi Bhayo.
Kahat Lage Shani, Man Sakuchai,
Ka Karihau, Shishu Mohi Dikhayi.
Nahi Vishwas, Uma Ur Bhayau,
Shani So Balak Dekhan Kahayau.
Padtahi Shani Drig Kon Prakasha,
Balak Shir Udi Gayo Akasha.
Girija Giri Vikal Havai Dharani,
So Dukh Dasha Gayo Nahi Varni.
Hahakar Machyau Kailasha,
Shani Kinha Lakhi Sut Ko Nasha.
Turat Garud Chadhi Vishnu Sidhayo,
Kati Chakra So Gaj Shir Laye.
Balak Ke Dhad Upar Dharyo.
Pran Mantra Padhi Shankar Daryo.
Naam Ganesh Shambhu Tab Kinhe,
Pratham Pujya Buddhi Nidhi, Var Dinhe.
Buddhi Pariksha Jab Shiv Kinha,
Prithvi Kar Pradakshina Linha.
Chale Shadanana, Bharami Bhulai,
Rache Baith Tum Buddhi Upai.
Charan Matu-Pitu Ke Dhar Linhen,
Tinake Saat Pradakshina Kinhen.
Dhani Ganesh Kahi Shiv Hiye Harashe,
Nabh Te Suran Suman Bahu Barse.
Tumhari Mahima Buddhi Badhai,
Shesh Sahasmukh Sake Na Gai.
Main Matiheen Maleen Dukhaari,
Karahu Kaun Vidhi Vinay Tumhari.
Bhajat Ramasundar Prabhudasa,
Jag Prayag, Kakara, Durvasa.
Ab Prabhu Daya Deena Par Kijai,
Apni Shakti Bhakti Kuch Dijai.


गणेश चालीसा का समापन

दोहा


श्री गणेश यह चालीसा,
पाठ करै कर ध्यान।
नित नव मंगल गृह बसै,
लहे जगत सन्मान।
सम्बन्ध अपने सहस्त्र दश,
ऋषि पंचमी दिनेश।
पूरण चालीसा भयो,
मंगल मूर्ती गणेश ॥