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गणेश विसर्जन के दौरान ध्यान रखने योग्य नियम

गणेश विसर्जन का पर्व अनंत चतुर्दशी पर मनाया जाता है, जो हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिन भगवान गणेश का विसर्जन किया जाता है। इस लेख में हम जानेंगे कि गणेश विसर्जन के समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसे शुभ मुहूर्त और पूजा विधि। सही तरीके से विसर्जन करने से जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
 

गणेश विसर्जन का महत्व


अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन
अनंत चतुर्दशी का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिन भगवान गणेश का विसर्जन किया जाता है। इस अवसर पर भगवान विष्णु और गणेश जी की पूजा का विधान है। मान्यता है कि इस दिन स्नान और पूजा करने से भक्तों को शुभ फल की प्राप्ति होती है और उनके बिगड़े काम पूरे होते हैं।


गणेश विसर्जन के लिए शुभ मुहूर्त

इस वर्ष अनंत चतुर्दशी का पर्व 06 सितंबर को मनाया जाएगा। भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 06 सितंबर को रात 03:12 बजे शुरू होगी और 07 सितंबर को रात 01:41 बजे समाप्त होगी।


  • प्रात: मुहूर्त- 07:36 से 09:10 बजे तक
  • अपराह्न मुहूर्त- 12:19 से 05:02 बजे तक
  • संध्या मुहूर्त- 06:37 से 08:02 बजे तक
  • रात्रि मुहूर्त- 07 सितंबर को 09:28 से 01:45 बजे तक
  • उषाकाल मुहूर्त- 07 सितंबर को 04:36 से 06:02 बजे तक


गणेश विसर्जन के नियम

  • गणेश विसर्जन के दिन शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की पूजा करें।
  • देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें और मंत्रों का जाप करें।
  • फल और मोदक का भोग लगाएं और सुख-शांति की प्रार्थना करें।
  • टप में जल भरकर गंगाजल और फूल डालें।
  • गणपति बप्पा से क्षमा मांगें।
  • गणेश जी को विसर्जित करें और अगले साल जल्दी आने की कामना करें।
  • गणेश विसर्जन के समय काले कपड़े न पहनें।
  • विसर्जन की मिट्टी और जल को पेड़-पौधों में डालें।
  • किसी से विवाद न करें और नकारात्मक विचारों से दूर रहें।