गरुड़ पुराण: मृत्यु के संकेत और आत्मा का 13 दिन का प्रवास
गरुड़ पुराण, हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है, जो व्यक्ति के कर्मों और उनके परिणामों के बारे में जानकारी देता है। यह पुराण बताता है कि मृत्यु के बाद आत्मा 13 दिनों तक घर में रहती है और व्यक्ति को अपनी मृत्यु के बारे में 6 महीने पहले से संकेत मिल सकते हैं। इस लेख में हम मृत्यु के निकटता के 7 संकेतों के बारे में जानेंगे, जो आपको इस विषय पर जागरूक करेंगे।
Jun 13, 2025, 14:57 IST
गरुड़ पुराण का महत्व
गरुड़ पुराण: हिंदू धर्म में कुल 18 पुराणों में से एक है गरुड़ पुराण। यह पुराण व्यक्ति के कर्मों और उनके परिणामों के बारे में जानकारी देता है। भगवान विष्णु इस पुराण के देवता हैं, इसलिए इसे वैष्णव पुराण भी कहा जाता है। यह मान्यता है कि व्यक्ति को अपने कर्मों का फल जीवन में ही नहीं, बल्कि मृत्यु के बाद भी मिलता है। गरुड़ पुराण में कुछ ऐसे संकेत दिए गए हैं, जिनसे व्यक्ति को अपनी मृत्यु का आभास पहले से हो जाता है।
आत्मा का 13 दिनों तक घर में रहना
13 दिनों तक आत्मा का प्रवास
यह माना जाता है कि आत्मा मृत्यु के बाद 13 दिनों तक घर में रहती है। इसलिए इस अवधि में गरुड़ पुराण का पाठ किया जाता है। इसके अनुसार, व्यक्ति को अपनी मृत्यु के बारे में 6 महीने पहले से ही संकेत मिल सकते हैं।
मृत्यु के संकेत
मृत्यु से पहले मिलने वाले 7 संकेत
- यदि कोई व्यक्ति अपने हाथ से अपनी नाक का अगला हिस्सा नहीं देख पाता है, तो यह संकेत है कि उसकी मृत्यु निकट है।
- अगर पूजा के बाद दीपक बुझने पर भी खुशबू नहीं आती, तो यह भी एक संकेत है।
- यदि कोई व्यक्ति अपने कानों को उंगलियों से बंद करने के बाद भी आवाज नहीं सुन पाता है, तो यह भी मृत्यु का संकेत है।
- यदि किसी की परछाई पानी या तेल में दिखना बंद हो जाए, तो यह एक महीने के भीतर मृत्यु का संकेत हो सकता है।
- अगर कोई कुत्ता घर से निकलते ही आपका पीछा करे और यह चार दिन से अधिक चले, तो यह भी एक संकेत है।
- जब किसी की मृत्यु निकट होती है, तो उसे यमदूत दिखाई देने लगते हैं।
- मृत्यु के निकट हाथों की रेखाएं फीकी पड़ जाती हैं या गायब हो जाती हैं।