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गुरु गोचर 2025: जानें किन राशियों पर पड़ेगा शुभ प्रभाव

गुरु गोचर 2025 का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा, विशेषकर मिथुन, तुला, धनु और कुंभ राशि पर। यह गोचर ज्ञान, समृद्धि और पारिवारिक सुख को बढ़ावा देगा। जानें कि किन राशियों के लिए यह समय विशेष रूप से शुभ रहेगा और कैसे इसका प्रभाव आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
 

गुरु गोचर 2025

गुरु गोचर 2025: वैदिक ज्योतिष में देवगुरु बृहस्पति को ज्ञान, समृद्धि, धर्म और भाग्य का प्रतीक माना जाता है। गुरु का राशि और नक्षत्र में गोचर हर व्यक्ति की कुंडली पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। 19 सितंबर 2025 को दोपहर 2 बजकर 1 मिनट पर गुरु मिथुन राशि में पुनर्वसु नक्षत्र के तृतीय पद में प्रवेश करेंगे। यह गोचर लगभग एक महीने तक, यानी 17 अक्टूबर 2025 तक रहेगा। पुनर्वसु नक्षत्र गुरु का अपना नक्षत्र है, जो अदिति देवी द्वारा शासित होता है और इसमें नवीनीकरण, पुनरुत्थान तथा आध्यात्मिक विकास की ऊर्जा समाहित है। तृतीय पद विशेष रूप से मिथुन राशि के अंतिम भाग में आता है, जहां गुरु की ऊर्जा बौद्धिक विकास, संचार और रचनात्मकता पर केंद्रित होती है।


गोचर का प्रभाव

इस गोचर का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा, लेकिन मुख्य रूप से उन राशियों के लिए शुभ होगा जहां गुरु गोचर में शुभ भावों जैसे द्वितीय, पंचम, सप्तम, नवम या एकादश में स्थित होता है। पुनर्वसु नक्षत्र के तृतीय पद में गुरु की स्थिति समृद्धि, ज्ञान प्राप्ति और पारिवारिक सुख को बढ़ावा देगी, हालांकि यह व्यक्तिगत कुंडली के अन्य ग्रहों पर भी निर्भर करेगा। आइए जानते हैं कि यह गोचर किन राशियों के लिए विशेष रूप से अच्छा रहेगा?


मिथुन राशि

मिथुन राशि वालों के लिए गुरु का यह गोचर लग्न भाव को प्रभावित करेगा। यह आत्मविश्वास, स्वास्थ्य और व्यक्तित्व को निखारने का समय है। पुनर्वसु नक्षत्र गुरु का अपना नक्षत्र होने के कारण यहां गुरु अपनी पूरी शक्ति से कार्य करते हैं, जिससे आपकी बौद्धिक और रचनात्मक क्षमताएं बढ़ती हैं। करियर में नई संभावनाएं खुलेंगी, जैसे नौकरी में प्रमोशन या नए प्रोजेक्ट्स में सफलता मिलेगी। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और निवेश से लाभ की संभावना है। पारिवारिक जीवन में सुख और सामंजस्य रहेगा और छोटी-मोटी यात्राएं आनंददायक होंगी। हालांकि, स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा, खासकर तनाव या थकान से बचें। यह समय आपके लिए आत्म-विकास और नई शुरुआत का है, इसलिए सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ें।


तुला राशि

तुला राशि वालों के लिए गुरु के इस गोचर का प्रभाव नवम भाव पर पड़ेगा। यह भाव भाग्य, उच्च शिक्षा और आध्यात्मिक विकास का है। पुनर्वसु नक्षत्र की रचनात्मक और नवीनीकरण की ऊर्जा आपके भाग्य को प्रबल बनाएगी। यह समय विदेश यात्रा, उच्च शिक्षा, या धार्मिक कार्यों में सफलता के लिए अनुकूल है। करियर में नई दिशा मिलेगी और आर्थिक स्थिरता बनी रहेगी। यदि आप किसी बड़े लक्ष्य पर काम कर रहे हैं, तो गुरु का यह गोचर आपको उस दिशा में प्रगति देगा। पारिवारिक और सामाजिक जीवन में भी सकारात्मक बदलाव होंगे। पूर्वजों की कृपा से कर्मिक बाधाएं दूर हो सकती हैं। इस अवधि में सकारात्मक सोच और गुरु मंत्र का जाप आपके लिए विशेष लाभकारी रहेगा।


धनु राशि

धनु राशि वालों के लिए गुरु सप्तम भाव को प्रभावित करेगा। जो विवाह, साझेदारी और संबंधों से जुड़ा है। गुरु आपकी राशि का स्वामी है, इसका प्रभाव अत्यंत शुभ रहेगा। वैवाहिक जीवन में सुख और सामंजस्य बढ़ेगा और अविवाहितों के लिए विवाह के अच्छे प्रस्ताव आ सकते हैं। व्यापारिक साझेदारियों से लाभ होगा और कानूनी मामलों में सफलता मिलेगी। पुनर्वसु की ऊर्जा आपके संचार और रचनात्मक कौशल को बढ़ाएगी, जिससे आप दूसरों के साथ बेहतर तालमेल बना पाएंगे। इस दौरान संबंधों में संतुलन बनाए रखें और अनावश्यक बहस से बचें। यह गोचर आपके लिए स्थिरता और समृद्धि का द्वार खोलेगा।


कुंभ राशि

कुंभ राशि के लिए गुरु पंचम भाव को प्रभावित करेगा, जो संतान, बुद्धि और रचनात्मकता का भाव है। यह समय शिक्षा, प्रेम और रचनात्मक कार्यों में प्रगति के लिए उत्तम है। स्टूडेंट्स को परीक्षाओं में सफलता मिलेगी और प्रेम संबंधों में मधुरता आएगी। पुनर्वसु नक्षत्र की ऊर्जा आपके नए विचारों को लागू करने में मदद करेगी और निवेश से अच्छा लाभ हो सकता है। यदि आप संतान की योजना बना रहे हैं तो यह समय अनुकूल है। हालांकि, अध्ययन या कार्य में एकाग्रता बनाए रखें और जल्दबाजी से बचें। यह गोचर आपकी रचनात्मक और बौद्धिक क्षमताओं को उजागर करेगा, जिससे आप अपने लक्ष्यों की ओर मजबूती से बढ़ेंगे।


नोट

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। यह इसकी पुष्टि नहीं करता है।