×

गोपाष्टमी पर गौमाता को क्या खिलाना चाहिए: जानें लाभ और विधि

गोपाष्टमी एक महत्वपूर्ण हिंदू पर्व है, जो गौ माता की पूजा और सेवा के लिए समर्पित है। इस दिन गाय को विशेष प्रकार का भोजन देना शुभ माना जाता है। जानें गाय को क्या खिलाना चाहिए, भोग चढ़ाने की विधि, और इस पर्व के लाभ। साथ ही, जानें कि गाय को क्या नहीं खिलाना चाहिए और गोपाष्टमी का शुभ मुहूर्त कब है।
 

गोपाष्टमी का महत्व

गोपाष्टमी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो गौ माता की पूजा और सेवा के लिए समर्पित है। यह पर्व उन लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है जो अपने जीवन में शांति और समृद्धि की कामना करते हैं। गोपाष्टमी का महत्व केवल पूजा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह करुणा और प्राणी प्रेम की शिक्षा भी देता है।


गाय को भोजन देने का महत्व

इस दिन गाय माता को साफ और स्वादिष्ट भोजन देना अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।


गाय को क्या खिलाएं


  • हरी घास या ताजा चारा: गाय के लिए सबसे प्राकृतिक और लाभकारी भोजन।

  • गुड़ और रोटी: हल्का मीठा और पोषक तत्वों से भरपूर।

  • फल: जैसे केला, सेब और अन्य मीठे फल।

  • अनाज: चना, गेहूं और अन्य साबुत अनाज।


इन चीजों को खिलाने से गाय स्वस्थ रहती है और खिलाने वाले को पुण्य की प्राप्ति होती है।


भोग चढ़ाने की विधि


  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और शरीर को शुद्ध करें।

  • गाय को साफ पानी से पोंछकर साफ करें।

  • उनके माथे पर हल्की रोली या चंदन लगाएं और फूल चढ़ाएं।

  • धीरे-धीरे और प्रेमपूर्वक भोग दें।

  • आरती करें और गाय के चारों ओर एक बार घूमकर प्रणाम करें।


इस प्रकार भोग देने से धार्मिक भावना पूरी होती है और घर में सकारात्मक वातावरण बनता है।


गोपाष्टमी के लाभ


  • घर में शांति और सुख की स्थिति बनी रहती है।

  • आर्थिक स्थिति में मजबूती आती है।

  • रुके हुए कार्य समय पर पूरे होते हैं।

  • परिवार में स्वास्थ्य और खुशहाली बनी रहती है।

  • करुणा, भक्ति और दया की भावना बढ़ती है।


गौशाला में दान का महत्व

गोपाष्टमी पर गाय को भोजन देने के साथ-साथ गौशालाओं में चारा या धन दान करना भी पुण्यदायी है। ऐसा दान समाज में सेवा की भावना फैलाता है और व्यक्तिगत जीवन में सुख और समृद्धि लाता है।


क्या नहीं खिलाना चाहिए


  • प्लास्टिक या किसी भी प्रकार का कचरा।

  • बचा हुआ मसालेदार या तला हुआ भोजन।

  • फफूंदी लगी चीजें।

  • खराब या गंधी हुई चीजें।


इनसे गाय को हानि पहुंच सकती है और पुण्य कर्म का प्रभाव कम हो जाता है।


शुभ मुहूर्त

इस वर्ष गोपाष्टमी का शुभ मुहूर्त सुबह 06:35 बजे से 07:57 बजे तक है। इस समय पर पूजा और भोग देना अधिक फलदायी माना जाता है।