गौरी व्रत 2025: पूजा का महत्व और शुभ मुहूर्त
गौरी व्रत का महत्व
गौरी व्रत 2025: सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए गौरी व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत पांच दिनों तक चलता है, जिसमें देवी पार्वती की पूजा की जाती है। इस दौरान उपवास भी रखा जाता है। मां पार्वती के साथ-साथ भगवान शिव और गणेश जी की भी आराधना की जाती है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप और उपवास किए थे, और इसी परंपरा का पालन करते हुए यह व्रत किया जाता है।
गौरी व्रत का समापन
द्रिक पंचांग के अनुसार, हर साल आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि से गौरी व्रत की शुरुआत होती है, जो पूर्णिमा यानी गुरु पूर्णिमा पर समाप्त होती है। 2025 में, यह व्रत 05 जुलाई को शाम 06:58 बजे से शुरू होगा और 06 जुलाई को रात 09:14 बजे समाप्त होगा। इस बार 06 जुलाई से गौरी व्रत की शुरुआत होगी, जिसका समापन 10 जुलाई 2025 को होगा। इस दौरान 08 जुलाई को जया पार्वती व्रत भी रखा जाएगा।
शुभ मुहूर्त 06 जुलाई 2025
- सूर्योदय- प्रात: 05:29
- ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: 04:08 से 04:49 तक
- अभिजित मुहूर्त- सुबह 11:58 से 12:54 तक
- गोधूलि मुहूर्त- शाम 07:21 से 07:42 तक
- अमृत काल- दोपहर 12:51 से 02:38 तक
शुभ मुहूर्त 07 जुलाई 2025
- सूर्योदय- प्रात: 05:29
- ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: 04:08 से 04:49 तक
- अभिजित मुहूर्त- सुबह 11:58 से 12:54 तक
- गोधूलि मुहूर्त- शाम 07:21 से 07:42 तक
- अमृत काल- दोपहर 01:43 से 03:29 तक
शुभ मुहूर्त 08 जुलाई 2025
- सूर्योदय- प्रात: 05:30
- ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: 04:09 से 04:49 तक
- अभिजित मुहूर्त- सुबह 11:58 से 12:54 तक
- गोधूलि मुहूर्त- शाम 07:21 से 07:42 तक
- अमृत काल- शाम 05:42 से 07:26 तक
शुभ मुहूर्त 09 जुलाई 2025
- सूर्योदय- प्रात: 05:30
- ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: 04:09 से 04:50 तक
- अभिजित मुहूर्त- नहीं है
- गोधूलि मुहूर्त- शाम 07:21 से 07:41 तक
- अमृत काल- रात 10 बजे से 11:43 तक
शुभ मुहूर्त 10 जुलाई 2025
- सूर्योदय- प्रात: 05:31
- ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: 04:10 से 04:50 तक
- अभिजित मुहूर्त- सुबह 11:59 से 12:54 तक
- गोधूलि मुहूर्त- शाम 07:21 से 07:41 तक
- अमृत काल- नहीं है