चंडीगढ़ में मौसम में बदलाव: मॉनसून की दस्तक
चंडीगढ़ का मौसम: तापमान में गिरावट
पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में पिछले चार दिनों से चल रही गर्मी के बाद, शुक्रवार को चंडीगढ़ का तापमान 40 डिग्री से नीचे रहा। हालाँकि, इससे पहले चंडीगढ़ में रिकॉर्ड की गई सबसे गर्म रात थी, जब तापमान 32.7 डिग्री तक पहुँच गया, जो सामान्य से 6 डिग्री अधिक था। वीरवार को अधिकतम तापमान 39.6 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से 1 डिग्री ज्यादा था। मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल के अनुसार, हवाओं की दिशा में बदलाव के कारण यह परिवर्तन आया है.
मौसम में बदलाव का कारण
शुक्रवार को बंगाल की खाड़ी से नमी के साथ पूर्वी हवाएं आईं, जिनकी गति भी अधिक थी। तापमान में गिरावट का एक कारण आस-पास के राज्यों में हुई बारिश भी है। अगले तीन से चार दिनों में तापमान में अधिक वृद्धि नहीं होने की संभावना है, लेकिन बीच-बीच में धूल भरी तेज हवाएं चल सकती हैं। 16 जून को एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है, जिससे सोमवार को बारिश की संभावना है। शुक्रवार को चंडीगढ़ की तुलना में पंचकूला का अधिकतम तापमान 37.2 डिग्री रहा, जो चंडीगढ़ से 2 डिग्री कम है.
मॉनसून की संभावनाएं
मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि प्री-मॉनसून गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं और 22 जून के बाद कभी भी मॉनसून चंडीगढ़ में दस्तक दे सकता है। बंगाल की खाड़ी से नमी वाली हवाएं और स्थानीय सिस्टम के सक्रिय होने से बारिश की संभावना बढ़ रही है। सोमवार को बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश राहत प्रदान कर सकती है। मंगलवार को आसमान साफ हो सकता है, लेकिन तापमान फिर से 38 डिग्री तक जा सकता है.
आगामी मौसम की भविष्यवाणी
शनिवार को आंशिक बादल छा सकते हैं, और हवाएं 30-40 किमी प्रति घंटे की गति से चलेंगी। अधिकतम तापमान 41 डिग्री और न्यूनतम 33 डिग्री रहने की संभावना है। रविवार को तेज हवाओं के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है, अधिकतम तापमान 40 डिग्री और न्यूनतम 32 डिग्री रहने की उम्मीद है। सोमवार को बादल छा सकते हैं और बूंदाबांदी की संभावना है, अधिकतम तापमान 37 डिग्री रहने की संभावना है। मंगलवार को आसमान साफ रहने की संभावना है, अधिकतम तापमान 38 डिग्री और न्यूनतम 30 डिग्री रहने की उम्मीद है.
धूल भरी हवाओं का अलर्ट
मौसम विभाग ने शनिवार को 30-40 किमी प्रति घंटे की गति से धूल भरी आंधी के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। यह स्थिति 17 जून तक बनी रह सकती है। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इसके साथ ही प्री-मॉनसून गतिविधियां भी शुरू हो सकती हैं, और 22 जून के बाद मॉनसून कभी भी सक्रिय हो सकता है.