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चंडीगढ़ में वृन्दावन प्राक्टय उत्सव का आयोजन

चंडीगढ़ में श्री कृष्ण प्रिया जू संकीर्तन मंडल द्वारा वृन्दावन प्राक्टय उत्सव और भागवत कथा का आयोजन किया गया है। इस कथा में कथावाचक श्री इंद्रेश महाराज ने शरद पूर्णिमा की महिमा का वर्णन किया और मीरा बाई के प्रेम को उजागर किया। गायक बी प्राक ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया और संतों की सेवा का अनुभव साझा किया। कथा का आयोजन 3 अक्टूबर तक चलेगा, जिसमें सभी को आमंत्रित किया गया है।
 

वृन्दावन प्राक्टय उत्सव का आयोजन


चंडीगढ़ समाचार: चंडीगढ़ में श्री कृष्ण प्रिया जू संकीर्तन मंडल द्वारा सेक्टर 34 के मेले के मैदान में वृन्दावन प्राक्टय उत्सव और श्री मद भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा के तीसरे दिन, कथावाचक श्री इंद्रेश महाराज ने शरद पूर्णिमा की वास्तविक महिमा का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि वृंदावन स्वयं श्री कृष्ण हैं और शरद पूर्णिमा का चाँद किशोरी जी का प्रतीक है। इस दिन, चाँद की रोशनी वृंदावन को रस से भर देती है।


कथा में मीरा बाई के अद्भुत चरित्र पर चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि मीरा बाई का चरित्र केवल प्रेम से भरा है, ज्ञान या विलास से नहीं। राजस्थान में उन्हें बाई सा कहा जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि भागवत पथ पर चलते समय आचार्यों के नाम का स्पष्ट उल्लेख नहीं करना चाहिए, बल्कि उन्हें बाई सा कहकर संबोधित करना चाहिए।


प्रसिद्ध भागवत वक्ता आचार्य श्री पुंडरीक गोस्वामी जी महाराज की पत्नी रेणुका गोस्वामी भी कथा में उपस्थित थीं, उनके साथ उनकी माता हर्ष शर्मा भी थीं। निमाई पाठशाला के बच्चे भी कथा सुनने आए।


श्री इंद्रेश महाराज ने धर्म और परमधर्म की सुंदर परिभाषा दी। उन्होंने बताया कि खुद से, रिश्तेदारों और संसार से प्रेम करना धर्म है, और जिसने संसार बनाया, उनसे प्रेम करना हमारा परमधर्म है।


प्रेम वह है जो कभी शिकायत नहीं करता। जब ठाकुर जी किशोरी जी से कुरुक्षेत्र में मिले थे, तब उनकी आँखों में कोई शिकायत नहीं थी, केवल प्रेम था। इसके बाद राधा रमन हरि बोल के साथ कथा का आरंभ हुआ। विश्व प्रसिद्ध कथा व्यास श्री इंद्रेश महाराज ने कहा कि गायक बी प्राक के प्रयासों से चंडीगढ़ अब वृंदावन बन गया है।


उन्होंने गोपी नाथ जी के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि भाग्यशाली लोग ही सत्संग सुनने का अवसर पाते हैं और हमें सत्संग में सुनी बातों को अपने जीवन में लागू करना चाहिए।


इस अवसर पर गायक बी प्राक ने कहा कि इस भागवत कथा में देश के प्रसिद्ध संत आ रहे हैं। उन्होंने सभी संतों को प्रणाम करते हुए कहा कि वह इस कार्यक्रम का आयोजन करने और संतों की सेवा करने के लिए भाग्यशाली महसूस करते हैं। यह कथा आयोजन 3 अक्टूबर तक प्रतिदिन दोपहर 3 बजे से 7 बजे तक चलेगा। उन्होंने लोगों से परिवार सहित इस कथा में आने की अपील की।