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जन्म कुंडली से जानें श्राप या वरदान का रहस्य

इस लेख में जानें कि कैसे आपकी जन्म कुंडली से यह पता लगाया जा सकता है कि आपका जन्म किसी श्राप के कारण हुआ है या वरदान के कारण। पंडित सुरेश पांडेय के अनुसार, ज्योतिष शास्त्र में गुरु ग्रह की स्थिति महत्वपूर्ण होती है। जानें श्राप और वरदान का प्रभाव और अपने पूर्वजन्म के रहस्यों को उजागर करें।
 

Kaalchakra Today: जन्म के पीछे का रहस्य

Kaalchakra Today: हर व्यक्ति के जन्म के पीछे एक विशेष कारण होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, कुछ लोग पूर्वजन्म में किसी श्राप के कारण जन्म लेते हैं, जबकि अन्य को वरदान स्वरूप मानव जीवन मिलता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति से यह पता लगाया जा सकता है कि किसी व्यक्ति का जन्म श्राप के कारण हुआ है या उसे पूर्वजन्म में मानव योनि का वरदान मिला था। इनका प्रभाव वर्तमान जीवन पर भी पड़ता है।


आज के कालचक्र में प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय आपको बताएंगे कि जन्म कुंडली के माध्यम से कैसे जान सकते हैं कि आपका जन्म श्राप के कारण हुआ है या वरदान के कारण।


श्राप और वरदान का प्रभाव

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति का वर्तमान जन्म पूर्वजन्म में मिले श्राप या वरदान के कारण होता है। श्राप के कारण जन्म लेने वाले व्यक्तियों को शारीरिक, आर्थिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इससे बचने के लिए उन्हें कुल देवी और मां दुर्गा की नियमित आराधना करनी चाहिए। साधना के माध्यम से व्यक्ति श्राप के नकारात्मक प्रभाव को कम कर सकता है।


वहीं, जिनका जन्म वरदान के कारण होता है, उनके धार्मिक विचार होते हैं और वे आमतौर पर समृद्ध होते हैं। उनका जीवन सुखमय और संतोषजनक होता है।


पूर्वजन्म के रहस्य जानें


  • यदि किसी व्यक्ति के लग्न में गुरु हो, तो उसे आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

  • जिसकी कुंडली में गुरु पहले भाव में हो, उसका जन्म पूर्वजन्म में मिले श्राप या वरदान के कारण होता है।

  • जिनकी कुंडली में गुरु तीसरे भाव में होता है, वे पूर्वजन्म में उसी परिवार में थे, जिसमें वे वर्तमान में जन्मे हैं, लेकिन यह जीवन किसी महिला के श्राप या वरदान के कारण मिला है।

  • जिनकी कुंडली में गुरु दूसरे या आठवें भाव में होता है, वे धार्मिक विचारों वाले होते हैं। ऐसे व्यक्तियों का पुनर्जन्म उनकी अधूरी इच्छाओं के कारण होता है।

  • जिनकी कुंडली में गुरु लग्न में होता है, उन्हें पूजा करते समय किसी की उपस्थिति का अनुभव होता है। ऐसे व्यक्तियों को अमावस्या के दिन किसी धार्मिक स्थान पर दूध का दान करना चाहिए। इससे उनके पितृ प्रसन्न होंगे।


जानें और भी रहस्य

यदि आप श्राप और वरदान से जुड़े और धार्मिक रहस्यों के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो ऊपर दिए गए वीडियो को देखें।