जितिया व्रत का पारण: सही विधि और समय जानें
जितिया व्रत संतान की लंबी उम्र के लिए मनाया जाता है। इस लेख में जानें कि 15 सितंबर को पारण कैसे किया जाए, सही विधि और समय के बारे में जानकारी प्राप्त करें। माताएं इस दिन भगवान जीमूतवाहन, शिव और पार्वती की पूजा करती हैं। जानें पारण के लिए आवश्यक सामग्री और विधि, ताकि व्रत का पूरा फल मिल सके।
Sep 15, 2025, 05:51 IST
जितिया व्रत का पारण आज
जितिया व्रत का महत्व
जितिया व्रत संतान की दीर्घायु के लिए मनाया जाता है। इस व्रत का पारण 15 सितंबर को होगा, जिसमें माताएं 24 घंटे से अधिक समय तक निर्जला उपवास करती हैं। पारण करना इस व्रत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस लेख में हम जानेंगे कि जितिया व्रत खोलने का सही समय और विधि क्या है, ताकि व्रत का पूरा फल प्राप्त हो सके और स्वास्थ्य पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े। इस दिन माताएं भगवान जीमूतवाहन, शिव और पार्वती की पूजा करती हैं।
जितिया व्रत पारण का मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, 15 सितंबर को रात 03:06 बजे अष्टमी तिथि समाप्त होगी। जितिया व्रत का पारण नवमी तिथि पर किया जाता है, इसलिए 15 सितंबर को सूर्योदय के बाद व्रती पारण कर सकती हैं।
पारण विधि
- पूजा विधि: पारण से पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और भगवान जीमूतवाहन, शिव और पार्वती की पूजा करें।
- दही और जल का सेवन: सबसे पहले एक चुटकी नमक के साथ दही और जल का सेवन करें। इससे शरीर को ऊर्जा मिलती है।
- भोजन का सेवन: इसके बाद, खीरा, चावल, चना दाल, और रोटी का सेवन करें, लेकिन तामसिक भोजन से बचें।
मुख्य भोजन
- नोनी का साग: पारण में नोनी का साग खाना शुभ माना जाता है और यह सेहत के लिए भी फायदेमंद है।
- खीर: पारण में खीर बनाना एक परंपरा है, जो शुभता का प्रतीक मानी जाती है।
- दही-चूड़ा: दही-चूड़ा पारण का एक महत्वपूर्ण पकवान है, जो घर में सुख-समृद्धि लाने के लिए जाना जाता है।