ज्येष्ठ पूर्णिमा 2025: धार्मिक महत्व और शुभ मुहूर्त
ज्येष्ठ पूर्णिमा का महत्व और पूजा विधि
ज्येष्ठ पूर्णिमा का पर्व: 10 जून 2025: 10 जून 2025 को ज्येष्ठ पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा, जो हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इस दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है और पूर्णिमा व्रत का फल भी विशेष होता है। पार्थिव शिवलिंग की स्थापना कर उनकी आराधना करने से पापों का नाश होता है और मन की शुद्धि प्राप्त होती है।
इस दिन जल से भरा घड़ा और फलों का दान करना भी पुण्यदायी माना जाता है। चूंकि यह मंगलवार है, श्रद्धालु हनुमान जी की पूजा और सुंदरकांड का पाठ भी करते हैं। आइए, जानते हैं आज के पंचांग में शुभ मुहूर्त, राहुकाल, और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी।
ज्येष्ठ पूर्णिमा की पूजा और उपाय
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। पार्थिव शिवलिंग बनाकर उनकी आराधना करें और शिवपुराण का पाठ करें। मंदिर परिसर में पीपल, बेल, या आम जैसे पेड़ लगाना भी पुण्यकारी है। इसके साथ ही, गौशाला में गायों को रोटी, गुड़, या हरा चारा खिलाने से अखंड पुण्य की प्राप्ति होती है। पक्षियों को दाना-पानी देना और मन को सात्विक रखना इस दिन की साधना को और प्रभावी बनाता है।
आज के शुभ मुहूर्त और राहुकाल
10 जून 2025 को सूर्योदय सुबह 5:23 बजे और सूर्यास्त शाम 7:17 बजे होगा। तिथि के अनुसार, चतुर्दशी सुबह 11:37 तक रहेगी, इसके बाद पूर्णिमा शुरू होगी। नक्षत्र अनुराधा सुबह 6:23 तक रहेगा, फिर ज्येष्ठा नक्षत्र प्रारंभ होगा।
अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:52 से 12:48 तक रहेगा, जबकि विजय मुहूर्त दोपहर 2:23 से 3:28 तक रहेगा। राहुकाल दोपहर 3:00 से 4:30 बजे तक रहेगा, इस दौरान शुभ कार्यों से बचें। उत्तर दिशा में दिशा शूल होने के कारण इस दिशा की यात्रा टालें या एक दिन पहले प्रस्थान की योजना बनाएं।
मंगलवार की पूजा और हनुमान जी का व्रत
मंगलवार होने के कारण इस दिन हनुमान जी की उपासना का विशेष महत्व है। हनुमान चालीसा का सात बार पाठ करें और सुंदरकांड का श्रवण करें। यह व्रत और पूजा मनोकामनाओं को पूर्ण करने में सहायक मानी जाती है। ज्येष्ठ पूर्णिमा के साथ मंगलवार का यह संयोग भक्तों के लिए और भी शुभ फलदायी है। अरविंद अकेला कल्लू के भक्ति गीत इस दिन की भक्ति को और गहरा सकते हैं।