डॉ. प्रज्ञा शारदा के काव्य संग्रह 'खामोशियां' का विमोचन समारोह
चंडीगढ़ में आयोजित एक विशेष समारोह में डॉ. प्रज्ञा शारदा के काव्य संग्रह 'खामोशियां' का विमोचन किया गया। इस कार्यक्रम में कई प्रमुख साहित्यकारों ने भाग लिया और पुस्तक पर अपने विचार साझा किए। लेखिका ने अपनी रचना प्रक्रिया के बारे में बताया और अपनी कविताओं का पाठ किया। इस अवसर पर ट्राई सिटी के 55 से अधिक कवि भी उपस्थित थे। जानें इस कार्यक्रम की खास बातें और साहित्य की दुनिया में इसकी महत्ता।
Jun 30, 2025, 19:28 IST
समारोह का आयोजन
चंडीगढ़ समाचार: आज कम्युनिटी सेंटर सेक्टर 43 में संवाद साहित्य मंच और आचार्य कुल संस्था द्वारा प्रसिद्ध लेखिका डॉ. प्रज्ञा शारदा के काव्य संग्रह 'खामोशियां' का विमोचन, चर्चा और काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि साहित्यकार सोहन कुमार थे, जो आकाशवाणी जालंधर के प्रोग्राम एग्जेक्टिव हैं। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रेमलता, एरिया पार्षद और कवि दीपक चनारथल उपस्थित रहे।
पुस्तक पर चर्चा करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार प्रेम विज, अशोक नादिर, डॉ. विनोद शर्मा, डॉ. अनीश गर्ग और अन्नु रानी शर्मा ने अपने विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. संगीता शर्मा कुंद्रा 'गीत' ने किया, जबकि सरस्वती वंदना पल्लवी रामपाल ने प्रस्तुत की। कार्यक्रम की शुरुआत में केके शारदा ने सभी का स्वागत किया और धन्यवाद पार्षद प्रेमलता ने दिया।
इसके बाद, लेखिका डॉ. प्रज्ञा शारदा ने अपनी रचना प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी और अपनी कुछ रचनाओं का पाठ किया। वरिष्ठ साहित्यकार प्रेम विज ने कहा कि 'खामोशियां' काव्य संग्रह में गहरी भावनाएं छिपी हैं, जिन्हें समझने की आवश्यकता है। कवियत्री ने अपनी कविताओं में आम आदमी की पीड़ा, संघर्ष और द्वंद्व को प्रस्तुत किया है।
कविवर डॉ. विनोद शर्मा ने इस काव्य संग्रह के बारे में कहा कि इसमें समाज और परिवार के सभी पहलुओं का समावेश है। लेखिका ने रिश्तों और संबंधों को खुली आंखों से देखा और उन्हें कविताओं में उतारा है। शायर अशोक नादिर ने भी इस पुस्तक पर अपने विचार साझा किए, जिसमें उन्होंने कहा कि कविताएं हमारे समाज और परिवार के चारों ओर घूमती हैं।
कविवर डॉ. अनीश गर्ग ने कहा कि कविताओं में दैनिक जीवन के प्रसंगों का समावेश है, जो बहुत प्रभावशाली हैं। अन्नु रानी शर्मा ने बताया कि कवित्री का अनुभव इन कविताओं में स्पष्ट रूप से झलकता है। ऑल इंडिया रेडियो की उद्घोषक मोनिका मेहता ने भी काव्य संग्रह पर अपने विचार साझा किए।
इस अवसर पर ट्राई सिटी के हिंदी, पंजाबी और उर्दू के लगभग 55 कवि उपस्थित रहे। सुरजीत सिंह धीर ने प्रज्ञा शारदा की कविता 'खामोशी' का तरन्नुम में प्रस्तुत किया। इसके अलावा, कई अन्य कवि जैसे किशोर कुमार, वीणा ढींगरा, राज विज, पल्लवी रामपाल, और अन्य ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया।