दलाई लामा का RSS को विशेष संदेश: तिब्बती शरणार्थियों के प्रति समर्थन की सराहना
दलाई लामा का RSS के प्रति आभार
दलाई लामा का RSS पर संदेश: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शताब्दी समारोह के अवसर पर, तिब्बत के आध्यात्मिक नेता, 14वें दलाई लामा ने तिब्बती शरणार्थियों के प्रति संगठन के समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया। यह संदेश गुरुवार को नागपुर में आयोजित RSS विजयादशमी समारोह में पढ़ा गया।
90 वर्षीय दलाई लामा ने कहा कि RSS ने भारत में तिब्बती शरणार्थियों के कल्याण के लिए हमेशा विशेष सेवाएं प्रदान की हैं। उन्होंने कहा, 'पूरा तिब्बती समुदाय RSS द्वारा दिए गए समर्थन के लिए दिल से आभारी है।'
दलाई लामा का समर्पण और प्रशंसा
RSS की निस्वार्थ भावना की सराहना
दलाई लामा ने RSS के प्रति भारत और उसके लोगों के कल्याण के लिए निस्वार्थ भावना और समर्पण की प्रशंसा की। उनके अनुसार, RSS की स्थापना कर्तव्य की भावना से की गई थी, बिना किसी पुरस्कार की अपेक्षा के। उन्होंने कहा, 'राष्ट्रीय पुनर्जागरण के आंदोलन में RSS का एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण स्थान रहा है।'
उन्होंने यह भी बताया कि RSS ने लोगों को एकजुट करने, भारत को भौतिक और आध्यात्मिक रूप से मजबूत करने और शैक्षिक व सामाजिक व्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। संगठन आपदाग्रस्त क्षेत्रों में सक्रिय रूप से शामिल रहा है और ग्रामीण विकास में भी योगदान दिया है।
RSS के प्रति दलाई लामा का सम्मान
दलाई लामा ने पिछले 50 वर्षों में RSS और उससे जुड़ी संस्थाओं का बारीकी से अवलोकन किया है। उन्होंने मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने, विभिन्न धर्मों के बीच सद्भाव और भारत की प्राचीन ज्ञान प्रणालियों के संरक्षण के प्रति उनके समर्पण की प्रशंसा की। RSS के प्रति उनका सम्मान इन आदर्शों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर आधारित है, जो शांति और पारस्परिक सम्मान के उनके मूल्यों के अनुरूप हैं।