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धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का विवादास्पद बयान: गरबा महोत्सव में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर रोक

छतरपुर में नवरात्रि के दौरान, बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने गरबा महोत्सव में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाने के लिए गोमूत्र छिड़काव की सलाह दी। उनके इस बयान ने सोशल मीडिया पर बहस को जन्म दिया है, जिसमें समर्थक इसे धर्म की रक्षा का कदम मानते हैं, जबकि आलोचक इसे नफरत फैलाने वाला बताते हैं। शास्त्री का यह बयान उनके लंबे समय से हिंदू राष्ट्र की मांग के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण है।
 

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का बयान

छतरपुर: नवरात्रि के आगमन के साथ, बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने गरबा महोत्सव को लेकर एक ऐसा बयान दिया है, जिसने सोशल मीडिया पर नई बहस को जन्म दिया है। उन्होंने आयोजकों को सलाह दी है कि गरबा पंडालों में गैर-हिंदू समुदाय के लोगों का प्रवेश रोकने के लिए गोमूत्र का छिड़काव किया जाए। यह बयान उन्होंने अपने पैतृक गांव गढ़ा के पास लवकुश नगर में माता बंबर बेनी के दर्शन के दौरान मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए दिया।


जब मीडिया ने उनसे गरबा महोत्सवों के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा, 'कोई भी सनातनी हज यात्रा के लिए नहीं जाता है। इसलिए हमारी भी यही इच्छा है कि अन्य धर्म के लोग हमारे गरबा महोत्सव में शामिल न हों।'


उन्होंने गरबा आयोजन समितियों को सलाह दी, 'गरबा पंडालों के गेट पर गोमूत्र रखा जाए और अंदर आने वालों पर इसका छिड़काव किया जाए।' शास्त्री के अनुसार, ऐसा करने से दूसरे धर्म के लोग गरबा महोत्सव में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। उन्होंने इसे 'लव जिहाद' जैसी घटनाओं को रोकने के लिए एक आवश्यक उपाय बताया।


धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है। उनके समर्थक इसे सनातन धर्म की रक्षा के लिए उठाया गया कदम मानते हैं, जबकि आलोचक इसे समाज में नफरत और विभाजन को बढ़ावा देने वाला बयान करार दे रहे हैं। यह ध्यान देने योग्य है कि शास्त्री लंबे समय से भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग कर रहे हैं और अक्सर धर्मांतरण व लव जिहाद जैसे मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त करते हैं।