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नवरात्रि में जोड़ों के लिए शारीरिक संबंधों पर प्रतिबंध: जानें कारण और नियम

नवरात्रि का पर्व भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस दौरान जोड़ों के लिए शारीरिक संबंधों पर प्रतिबंध होता है। जानें कि क्यों इस पवित्र समय में ब्रह्मचर्य का पालन आवश्यक है और गले लगाने या चुंबन के क्या नियम हैं। क्या व्रत न रखने पर भी यह नियम लागू होते हैं? इस लेख में इन सभी सवालों के जवाब दिए गए हैं।
 

नवरात्रि का महत्व और नियम

नवरात्रि का पर्व आरंभ हो चुका है, और इस दौरान भारतीय जोड़ों के लिए कुछ विशेष नियम लागू होते हैं। इस पर्व के दौरान, जोड़े शारीरिक संबंध नहीं बना सकते। यह नियम सभी जोड़ों के लिए अनिवार्य है, अन्यथा उनका व्रत अधूरा माना जाएगा। नवरात्रि के नियम केवल शारीरिक संबंधों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि कई अन्य बातों का भी ध्यान रखना आवश्यक है।


नवरात्रि के दौरान शारीरिक संबंधों पर रोक क्यों?

नवरात्रि का उत्सव नौ दिनों तक चलता है, जिसमें देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस समय लोग उपवास रखते हैं ताकि देवी को प्रसन्न किया जा सके। इस व्रत में शारीरिक और मानसिक शुद्धता आवश्यक होती है, तभी यह पूर्ण होता है और देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसलिए, आध्यात्मिक अनुशासन के प्रतीक के रूप में, जोड़ों को नवरात्रि के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करने की सलाह दी जाती है।


गले लगने और चुंबन के नियम

नवरात्रि के दौरान अपने साथी को गले लगाने और चूमने पर कोई पाबंदी नहीं है, लेकिन जोड़ों को ऐसी गतिविधियों से बचने की सलाह दी जाती है जो यौन इच्छाओं को उत्तेजित कर सकती हैं।


गले लगाना: यदि आप भावनात्मक समर्थन के लिए गले मिलते हैं, तो यह स्वीकार्य है।


माथे या गाल पर किस: स्नेह दिखाने के लिए माथे या गाल पर हल्का किस करना सामान्यतः मान्य है।


रोमांटिक या पैशनेट किस: ऐसे चुंबन से बचना चाहिए, क्योंकि यह यौन इच्छाओं को बढ़ा सकता है, जो नवरात्रि के व्रत के खिलाफ है।


क्या व्रत न रखने पर भी शारीरिक संबंध बना सकते हैं?

नवरात्रि के नौ दिनों में, यदि आपने व्रत नहीं रखा है, तब भी आप अपने साथी के साथ शारीरिक संबंध नहीं बना सकते। व्रत न रखने से नवरात्रि का आध्यात्मिक महत्व कम नहीं होता। इसलिए, कई लोग इस पवित्र समय के सम्मान में शारीरिक संबंध बनाने से परहेज करते हैं। हालांकि, आजकल कई लोग इस नियम का पालन नहीं करते हैं।