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पंजाब के तीन शहरों को मिला पवित्र शहर का दर्जा

पंजाब सरकार ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए अमृतसर, तलवंडी साबो और श्री आनंदपुर साहिब को पवित्र शहर का दर्जा दिया है। इस निर्णय का उद्देश्य धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना और इन शहरों के विकास को सुनिश्चित करना है। साथ ही, गुरु तेग बहादुर जी की शहादत को सम्मानित करने के लिए समारोह आयोजित किए जाएंगे। जानें इस ऐतिहासिक फैसले के पीछे की कहानी और इसके महत्व के बारे में।
 

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का ऐतिहासिक निर्णय


पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अध्यक्षता में आयोजित विशेष विधानसभा सत्र में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। अमृतसर के वॉल्ड सिटी, तलवंडी साबो और श्री आनंदपुर साहिब, जहां तख्त साहिबान स्थित हैं, को पवित्र शहर का दर्जा दिया गया है। इस प्रस्ताव को विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित किया गया।


मुख्यमंत्री ने बताया कि इन पवित्र शहरों में सभी धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों की एक सर्व-धर्म समिति बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार इन शहरों के विकास, स्वच्छता, सुरक्षा और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए आवश्यक बजट का प्रावधान किया जाएगा और केंद्र सरकार से भी फंड की मांग की जाएगी।


श्री गुरु तेग बहादुर जी की शहादत का सम्मान

मुख्यमंत्री ने श्री गुरु तेग बहादुर जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने उनके 350वें शहीदी दिवस को बड़े धूमधाम से मनाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि यह सत्र इसी अवसर को समर्पित था।


भगवंत सिंह मान ने कहा कि गुरु साहिब की कुर्बानी अद्वितीय है, क्योंकि उन्होंने दूसरों के धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने मानवता और धार्मिक मूल्यों की रक्षा के लिए बलिदान देकर एक मिसाल कायम की।


गुरु साहिबान के मार्ग पर चलने की प्रेरणा

मुख्यमंत्री ने लोगों से गुरु साहिब द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने की अपील की। उन्होंने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी ने मानव अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए शहादत दी, जो विश्व इतिहास में अद्वितीय है।


भगवंत सिंह मान ने कहा कि गुरु साहिब का जीवन और दर्शन मानवता के लिए एक प्रकाश स्तंभ है। उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले समय में गुरु साहिब के शहीदी दिवस को हर साल मनाया जाएगा, ताकि उनकी महान विरासत को जीवित रखा जा सके।