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पंजाब में कई क्षेत्रों का पानी पीने योग्य नहीं: जल शक्ति मंत्रालय की रिपोर्ट

पंजाब में जल शक्ति मंत्रालय की हालिया रिपोर्ट ने कई गांवों में पीने के पानी की गुणवत्ता को लेकर गंभीर चिंताएं व्यक्त की हैं। 40,720 सैंपल में से 461 मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं, जिससे स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ गया है। हालांकि, सरकार ने स्कूलों में पानी की आपूर्ति में सुधार किया है और दूषित पानी की समस्या के समाधान के लिए कदम उठाए हैं। जानें इस मुद्दे पर और क्या जानकारी है।
 

जल गुणवत्ता की जांच में गंभीर परिणाम


जल शक्ति मंत्रालय की रिपोर्ट में गंभीर चिंताएं सामने आई हैं। पंजाब के ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी की गुणवत्ता को लेकर सरकार ने कई प्रयास किए हैं, लेकिन कई गांवों में लोग अब भी दूषित पानी पीने के लिए मजबूर हैं। पिछले छह महीनों में 40,720 पानी के सैंपल लिए गए, जिनमें से 461 सैंपल मानकों पर खरे नहीं उतरे।


रिपोर्ट के अनुसार, कई क्षेत्रों का पानी पीने के लिए अनुपयुक्त पाया गया है, जिससे हैजा, दस्त और टाइफाइड जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। इसके अलावा, पानी में भारी धातुओं की उपस्थिति कैंसर जैसी बीमारियों का कारण बन सकती है। प्रदेश में पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए 33 लैब हैं, जिनमें से 31 एनएबीएल से मान्यता प्राप्त हैं।


स्कूलों में पानी की आपूर्ति में सुधार

99.67% स्कूलों को नल का पानी मिल रहा है। देशभर में 2,843 लैब में 39,40,482 सैंपल टेस्ट किए गए, जिनमें से 1,04,836 फेल हुए हैं। सरकार ने 29,160 मामलों में साफ पानी की व्यवस्था के लिए कदम उठाए हैं। पंजाब में 22,389 स्कूल हैं, जिनमें से 22,315 में नल से पानी की आपूर्ति शुरू कर दी गई है।


विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का मानना है कि भारत में सभी घरों में सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने से लगभग 4 लाख मौतों को रोका जा सकता है।


दूषित पानी की समस्या का समाधान

59 मामलों में वैकल्पिक पानी की व्यवस्था की गई है। अभियान के दौरान 40,720 सैंपल लिए गए और 40,660 की लैब में जांच की गई। 461 सैंपल फेल हुए हैं। 59 मामलों में लोगों को साफ पानी उपलब्ध कराने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है।


इसके अलावा, फील्ड टेस्ट किट के माध्यम से पानी की जांच की जा रही है ताकि समय पर दूषित पानी से होने वाली बीमारियों को रोका जा सके। पिछले छह महीनों में 9,145 गांवों में 78,518 फील्ड टेस्ट किए गए हैं। जहां भी दूषित पानी की समस्या सामने आती है, विभाग तुरंत कार्रवाई करता है।