पापांकुश एकादशी पर दीपक जलाने के लाभ और स्थान
कई समस्याओं का समाधान
पापांकुश एकादशी का महत्व
यह व्रत अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है और भगवान विष्णु को समर्पित है। इसका नाम 'पापांकुश' इस बात का संकेत है कि यह सभी पापों का नाश कर पुण्य फल प्रदान करता है।
इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ-साथ कुछ विशेष स्थानों पर दीपक जलाने की परंपरा भी है। ऐसा करने से भगवान नारायण प्रसन्न होते हैं और जीवन की कठिनाइयों का समाधान होता है।
मुख्य द्वार पर दीपक
पापांकुश एकादशी के दिन घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह दीपक घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और नकारात्मक शक्तियों को दूर करता है।
तुलसी का पौधा
तुलसी जी को भगवान विष्णु की प्रिय मानी जाती हैं। एकादशी के दिन तुलसी के पौधे के पास गाय के घी का दीपक जलाने से अक्षय फल प्राप्त होते हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
मंदिर में दीपक
इस दिन घर के पूजा स्थल या मंदिर में दीपक जलाना आवश्यक है। यह दीपक भगवान विष्णु के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है और इसे पूरी रात जलाए रखने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
पीपल का पेड़
शास्त्रों के अनुसार, पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है। यदि आपके पास कोई पीपल का पेड़ है, तो एकादशी की शाम को उसके नीचे दीपक जलाना चाहिए। इससे जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और आर्थिक संकट समाप्त होते हैं।
रसोई घर में दीपक
रसोई घर को मां अन्नपूर्णा का निवास माना जाता है। एकादशी के दिन रसोई में दीपक जलाने से घर में अन्न और धन की कमी नहीं होती और संपन्नता बनी रहती है।