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पापांकुश एकादशी: महत्व और पूजा विधि

पापांकुश एकादशी का महत्व सनातन धर्म में अत्यधिक है। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित है और इस दिन विशेष पूजा विधियों का पालन करने से भक्तों को पुण्य फल की प्राप्ति होती है। जानें इस एकादशी पर दीपक जलाने, तुलसी की पूजा और अन्य उपायों के बारे में, जो आपके जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि लाने में मदद कर सकते हैं।
 

पापांकुश एकादशी का महत्व

सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है, जो भगवान विष्णु को समर्पित होती है। साल में कुल 24 एकादशी तिथियाँ आती हैं, जिनमें से प्रत्येक महीने में दो बार होती हैं। इस वर्ष, अश्विन माह के शुक्ल पक्ष में पापांकुश एकादशी 3 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। 'पापांकुश' का अर्थ है 'पाप' को रोकना, और इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है। इस दिन व्रत और पूजा करने से भक्तों को पुण्य फल की प्राप्ति होती है।


मुख्य द्वार पर दीपक जलाना

पापांकुश एकादशी के अवसर पर घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और भगवान विष्णु की कृपा से नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं।


तुलसी के पौधे की पूजा

तुलसी का पौधा भगवान श्री हरि को प्रिय है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, एकादशी के दिन तुलसी के पास गाय के घी का दीपक जलाने से साधक को शुभ फल मिलते हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।


मंदिर में दीपक जलाना

एकादशी के दिन घर के मंदिर में या किसी मंदिर जाकर दीपक जलाना आवश्यक है। इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और सभी इच्छाएँ शीघ्र पूर्ण होती हैं।


पीपल के पेड़ की पूजा

शास्त्रों के अनुसार, पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु का निवास होता है। यदि आपके आस-पास पीपल का पेड़ है, तो एकादशी की शाम को दीपक जलाना चाहिए। इससे जीवन की बाधाएँ दूर होती हैं और आर्थिक संकटों से मुक्ति मिलती है।


रसोई घर में दीपक जलाना

शास्त्रों के अनुसार, रसोई घर में मां अन्नापूर्णा का वास होता है। एकादशी के दिन रसोई में दीपक जलाने से घर में अन्न और धन की कमी नहीं होती और समृद्धि बनी रहती है।