×

पितृ पक्ष 2025: श्राद्ध पूजा के महत्व और शुभ मुहूर्त

पितृ पक्ष 2025 का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है, जो भाद्रपद पूर्णिमा से शुरू होकर अश्विन अमावस्या तक चलता है। इस वर्ष, पितृ पक्ष की शुरुआत 7 सितंबर को चंद्र ग्रहण के साथ हुई और इसका समापन 21 सितंबर को सूर्य ग्रहण के साथ होगा। इस दौरान पूर्वज धरती पर आते हैं और अपने वंशजों से श्राद्ध और तर्पण ग्रहण करते हैं। जानें 8 सितंबर को होने वाले प्रतिपदा श्राद्ध के लिए शुभ मुहूर्त और पूजा के नियम।
 

पितृ पक्ष का महत्व

Pitru Paksha 2025 Live Updates: हिंदू धर्म में पितृपक्ष का हर दिन विशेष महत्व रखता है। द्रिक पंचांग के अनुसार, यह पर्व भाद्रपद पूर्णिमा से शुरू होकर अश्विन अमावस्या, जिसे सर्वपितृ अमावस्या भी कहा जाता है, तक चलता है। इस वर्ष पितृ पक्ष की शुरुआत 7 सितंबर को साल के अंतिम चंद्र ग्रहण के साथ हुई, और इसका समापन 21 सितंबर को अंतिम सूर्य ग्रहण के साथ होगा। मान्यता है कि इस दौरान पूर्वज धरती पर आते हैं और अपने वंशजों से श्राद्ध और तर्पण ग्रहण करते हैं, जिससे उनकी आत्मा को शांति और सुख मिलता है। जिन परिवारों के पितर प्रसन्न होते हैं, उन्हें जीवन में कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता और पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है। हालांकि, श्राद्ध का आयोजन तिथियों के अनुसार किया जाता है। साल 2025 में, आज यानी 8 सितंबर को प्रतिपदा श्राद्ध होगा, जिसके लिए तीन शुभ मुहूर्त निर्धारित किए गए हैं।


जानें श्राद्ध पूजा के नियम और उपाय

पितृपक्ष की पूजा के महत्व, श्राद्ध के मुहूर्त, उपाय, नियम और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी के लिए हमारे साथ बने रहें…