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पितृ पक्ष में भगवान शिव के नामों का जप करें

पितृ पक्ष के दौरान भगवान शिव की पूजा का महत्व और उनके नामों का जप करने से मिलने वाले लाभों के बारे में जानें। इस लेख में 108 नामों की सूची भी शामिल है, जिन्हें जपने से व्यक्ति को पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जानें कैसे इस पवित्र अवसर का लाभ उठाया जा सकता है।
 

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पितृ पक्ष के दौरान भगवान शिव की कृपा प्राप्त करें
धार्मिक मान्यता के अनुसार, पितृ पक्ष में पूर्वजों का तर्पण करने से उनके आशीर्वाद से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता आती है। इस समय, पितृ धरती पर निवास करते हैं। गरुड़ पुराण में उल्लेख है कि इस अवधि में तर्पण करने से व्यक्ति को पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है। श्राद्ध पक्ष में तर्पण करने से तीन पीढ़ियों के पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।


इससे उन पितरों को भी लाभ होता है, जिनका अकाल निधन हुआ है। इसके अलावा, व्यक्ति पर पितरों का आशीर्वाद बरसता है। ज्योतिषी इस दौरान भगवान शिव की पूजा करने की सलाह देते हैं। यदि आप भी भगवान शिव की कृपा के पात्र बनना चाहते हैं, तो पितृ पक्ष में उनके नामों का जप करें। इस पवित्र अवसर पर ब्राह्मणों को भोजन कराना और दान देना भी महत्वपूर्ण है।


भगवान शिव के 108 नाम


  1. 1. ॐ महाकाल नम:

  2. 2. ॐ भीमेश्वर नम:

  3. 3. ॐ विषधारी नम:

  4. 4. ॐ बम भोले नम:

  5. 5. ॐ विश्वनाथ नम:

  6. 6. ॐ अनादिदेव नम:

  7. 7. ॐ उमापति नम:

  8. 8. ॐ गोरापति नम:

  9. 9. ॐ गणपिता नम:

  10. 10. ॐ ओंकार स्वामी नम:

  11. 11. ॐ ओंकारेश्वर नम:

  12. 12. ॐ शंकर त्रिशूलधारी नम:

  13. 13. ॐ भोले बाबा नम:

  14. 14. ॐ शिवजी नम:

  15. 15. ॐ रुद्रनाथ नम:

  16. 16. ॐ भीमशंकर नम:

  17. 17. ॐ नटराज नम:

  18. 18. ॐ प्रलेयन्कार नम:

  19. 19. ॐ चंद्रमोली नम:

  20. 20. ॐ डमरूधारी नम:

  21. 21. ॐ चंद्रधारी नम:

  22. 22. ॐ दक्षेश्वर नम:

  23. 23. ॐ घ्रेनश्वर नम:

  24. 24. ॐ मणिमहेश नम:

  25. 25. ॐ अनादी नम:

  26. 26. ॐ अमर नम:

  27. 27. ॐ आशुतोष महाराज नम:

  28. 28. ॐ विलवकेश्वर नम:

  29. 29. ॐ भोलेनाथ नम:

  30. 30. ॐ कैलाश पति नम:

  31. 31. ॐ भूतनाथ नम:

  32. 32. ॐ नंदराज नम:

  33. 33. ॐ नन्दी की सवारी नम:

  34. 34. ॐ ज्योतिलिंग नम:

  35. 35. ॐ मलिकार्जुन नम:

  36. 36. ॐ शम्भु नम:

  37. 37. ॐ नीलकंठ नम:

  38. 38. ॐ महाकालेश्वर नम:

  39. 39. ॐ त्रिपुरारी नम:

  40. 40. ॐ त्रिलोकनाथ नम:

  41. 41. ॐ त्रिनेत्रधारी नम:

  42. 42. ॐ बफार्नी बाबा नम:

  43. 43. ॐ लंकेश्वर नम:

  44. 44. ॐ अमरनाथ नम:

  45. 45. ॐ केदारनाथ नम:

  46. 46. ॐ मंगलेश्वर नम:

  47. 47. ॐ अर्धनारीश्वर नम:

  48. 48. ॐ नागार्जुन नम:

  49. 49. ॐ जटाधारी नम:

  50. 50. ॐ नीलेश्वर नम:

  51. 51. ॐ जगतपिता नम:

  52. 52. ॐ मृत्युन्जन नम:

  53. 53. ॐ नागधारी नम:

  54. 54. ॐ रामेश्वर नम:

  55. 55. ॐ गलसर्पमाला नम:

  56. 56. ॐ दीनानाथ नम:

  57. 57. ॐ सोमनाथ नम:

  58. 58. ॐ जोगी नम:

  59. 59. ॐ भंडारी बाबा नम:

  60. 60. ॐ बमलेहरी नम:

  61. 61. ॐ गोरीशंकर नम:

  62. 62. ॐ शिवाकांत नम:

  63. 63. ॐ महेश्वराए नम:

  64. 64. ॐ महेश नम:

  65. 65. ॐ संकटहारी नम:

  66. 66. ॐ महेश्वर नम:

  67. 67. ॐ रुंडमालाधारी नम:

  68. 68. ॐ जगपालनकर्ता नम:

  69. 69. ॐ पशुपति नम:

  70. 70. ॐ संगमेश्वर नम:

  71. 71. ॐ अचलेश्वर नम:

  72. 72. ॐ ओलोकानाथ नम:

  73. 73. ॐ आदिनाथ नम:

  74. 74. ॐ देवदेवेश्वर नम:

  75. 75. ॐ प्राणनाथ नम:

  76. 76. ॐ शिवम् नम:

  77. 77. ॐ महादानी नम:

  78. 78. ॐ शिवदानी नम:

  79. 79. ॐ अभयंकर नम:

  80. 80. ॐ पातालेश्वर नम:

  81. 81. ॐ धूधेश्वर नम:

  82. 82. ॐ सर्पधारी नम:

  83. 83. ॐ त्रिलोकिनरेश नम:

  84. 84. ॐ हठ योगी नम:

  85. 85. ॐ विश्लेश्वर नम:

  86. 86. ॐ नागाधिराज नम:

  87. 87. ॐ सर्वेश्वर नम:

  88. 88. ॐ उमाकांत नम:

  89. 89. ॐ बाबा चंद्रेश्वर नम:

  90. 90. ॐ त्रिकालदर्शी नम:

  91. 91. ॐ त्रिलोकी स्वामी नम:

  92. 92. ॐ महादेव नम:

  93. 93. ॐ गढ़शंकर नम:

  94. 94. ॐ मुक्तेश्वर नम:

  95. 95. ॐ नटेषर नम:

  96. 96. ॐ गिरजापति नम:

  97. 97. ॐ भद्रेश्वर नम:

  98. 98. ॐ त्रिपुनाशक नम:

  99. 99. ॐ निर्जेश्वर नम:

  100. 100. ॐ किरातेश्वर नम:

  101. 101. ॐ जागेश्वर नम:

  102. 102. ॐ अबधूतपति नम:

  103. 103. ॐ भीलपति नम:

  104. 104. ॐ जितनाथ नम:

  105. 105. ॐ वृषेश्वर नम:

  106. 106. ॐ भूतेश्वर नम:

  107. 107. ॐ बैजूनाथ नम:

  108. 108. ॐ नागेश्वर नम: