पितृ पक्ष: श्राद्ध और तर्पण के नियम और महत्व
पितृ पक्ष का महत्व
पितृ पक्ष का समय साल में एक बार आता है, जब हमारे पूर्वज, जिन्हें हम पितर कहते हैं, अपने परिवार से मिलने के लिए पृथ्वी पर आते हैं। इसे श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है, और यह उन पूर्वजों को याद करने का अवसर है जो अब हमारे बीच नहीं हैं। इस दौरान हम उनके प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करते हैं। माना जाता है कि इस समय किए गए श्राद्ध और तर्पण से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।श्राद्ध और तर्पण के नियम
श्राद्ध और तर्पण करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियम हैं, जिनका पालन करना आवश्यक है।
1. श्राद्ध का सही समय
श्राद्ध का आयोजन हमेशा दोपहर के समय (कुतुप और रौहिण मुहूर्त) में करना चाहिए। सुबह या शाम को किया गया श्राद्ध पितरों तक नहीं पहुंचता।
2. श्राद्ध करने वाला
घर का बड़ा बेटा या पोता श्राद्ध करने का अधिकारी होता है। यदि ये दोनों नहीं हैं, तो परिवार का कोई अन्य पुरुष सदस्य यह कार्य कर सकता है।
3. दक्षिण दिशा का महत्व
पितरों का निवास दक्षिण दिशा में माना जाता है, इसलिए श्राद्ध की सभी क्रियाएं दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके करनी चाहिए।
4. सामग्री का चयन
तर्पण करते समय हाथ में कुश (एक प्रकार की घास) और काले तिल रखना आवश्यक है। कुश और तिल के बिना पितर जल ग्रहण नहीं करते। चांदी या पीतल-तांबे के बर्तनों का उपयोग शुभ माना जाता है, जबकि लोहे के बर्तनों से बचना चाहिए।
5. भोजन की तैयारी
श्राद्ध के दिन पूरी तरह से सात्विक भोजन बनाना चाहिए। लहसुन-प्याज का उपयोग नहीं करना चाहिए। इस दिन अपने पितरों की पसंद का खाना बनाना चाहिए। श्राद्ध का भोजन सबसे पहले गाय, कुत्ते, कौवे, चींटी और देवताओं को अर्पित किया जाता है, जिसे पंचबलि कहते हैं। इसके बाद ब्राह्मणों को आदर सहित भोजन कराना चाहिए। अंत में, पूरे परिवार को एक साथ बैठकर भोजन करना चाहिए।
पितृ पक्ष में क्या न करें
पितृ पक्ष के दौरान कुछ कार्यों से बचना चाहिए:
- बाल और दाढ़ी-मूंछ न कटवाएं।
- नए काम की शुरुआत से बचें, जैसे शादी या नए वाहन की खरीद।
- मांस और शराब का सेवन न करें।
- किसी का अपमान न करें।
- झूठ न बोलें और वाद-विवाद से बचें।
पितृ पक्ष केवल एक परंपरा नहीं है, बल्कि यह अपने पूर्वजों के प्रति आभार व्यक्त करने का एक माध्यम है। इन नियमों का पालन करके हम न केवल अपने पितरों की आत्मा को शांति प्रदान कर सकते हैं, बल्कि उनके आशीर्वाद से अपने जीवन में सुख और समृद्धि भी प्राप्त कर सकते हैं।