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पितृपक्ष 2025: तृतीया और चतुर्थी तिथि का महत्व

पितृपक्ष 2025 का आयोजन 7 सितंबर से शुरू हो रहा है, जिसमें 15 दिनों तक पूर्वजों का श्राद्ध किया जाएगा। इस वर्ष तृतीया और चतुर्थी तिथि एक साथ पड़ रही हैं, जिससे द्वितीया श्राद्ध का महत्व बढ़ जाता है। जानें इस विशेष अवसर पर श्राद्ध करने के लाभ और नियम।
 

पितृपक्ष की शुरुआत

Pitru Paksha 2025: वर्ष 2025 में पितृपक्ष 7 सितंबर से आरंभ हो रहा है। यह पर्व कुल 15 दिनों तक मनाया जाता है, जिसमें तिथि के अनुसार पूर्वजों का श्राद्ध किया जाता है। मान्यता है कि सही तिथि पर श्राद्ध करने से पूजा का फल अवश्य मिलता है और पितृ भी प्रसन्न होते हैं। इस वर्ष 10 सितंबर को तृतीया और चतुर्थी तिथि एक साथ आ रही हैं, जिसके चलते एक दिन पहले द्वितीया श्राद्ध का आयोजन होगा। तृतीया श्राद्ध को तीज श्राद्ध भी कहा जाता है, और इस दिन उन दिवंगत व्यक्तियों के लिए श्राद्ध किया जाता है, जिनकी मृत्यु तृतीया तिथि को हुई थी। इस दिन श्राद्ध करने से स्वास्थ्य में सुधार होता है।


तिथि का महत्व

इसके अलावा, इस दिन सद्बुद्धि और समृद्धि की प्राप्ति होती है। यदि आप तृतीया और चतुर्थी तिथि के श्राद्ध के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो ऊपर दिए गए वीडियो को देख सकते हैं।