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पितृपक्ष में गूंथा आटा फ्रिज में रखने से बचें

पितृपक्ष के दौरान गूंथा हुआ आटा फ्रिज में रखना पितरों का अपमान माना जाता है। यह न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से गलत है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक हो सकता है। जानें क्यों इस समय आटा रखने से बचना चाहिए और इसके उपाय क्या हैं। इस लेख में हम पितृपक्ष के महत्व और आटा रखने की आदतों पर चर्चा करेंगे।
 

पितृपक्ष का महत्व और आटा रखने की आदत

पितृपक्ष का धार्मिक महत्व: हिंदू धर्म में पितृपक्ष का समय विशेष रूप से महत्वपूर्ण और संवेदनशील माना जाता है। इस अवधि में सभी कार्यों को सोच-समझकर करने की सलाह दी जाती है। शास्त्रों के अनुसार, पितरों को तर्पण और पिंडदान से संतोष मिलता है, लेकिन यदि इस समय कुछ गलत आदतें अपनाई जाएं, तो यह पितृ दोष का कारण बन सकता है। एक सामान्य आदत है गूंथा हुआ आटा फ्रिज में रखना। यह छोटी सी गलती पितरों को नाराज कर सकती है और परिवार में समस्याएं उत्पन्न कर सकती हैं। आइए जानते हैं कि ऐसा क्यों माना जाता है।


फ्रिज में गूंथा आटा रखने का कारण


सामान्य दिनों में लोग सुविधा के लिए आटा गूंथकर फ्रिज में रख लेते हैं ताकि आवश्यकता पड़ने पर जल्दी रोटियां बनाई जा सकें। लेकिन शास्त्रों में इसे अशुद्ध माना गया है। कई घंटों तक रखा हुआ गूंथा आटा नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि गूंथे हुए आटे का गोला पिंड के समान माना जाता है। चूंकि पिंडदान पितरों को तृप्त करने के लिए किया जाता है, ऐसे में रोजमर्रा का आटा फ्रिज में रखना पितरों का अपमान माना जाता है।


पितृपक्ष में इसका प्रभाव


पितृपक्ष के दौरान जब पितरों को श्राद्ध, तर्पण और जल अर्पण से प्रसन्न किया जाता है, तब गूंथा आटा फ्रिज में रखना उनके प्रति अनादर का प्रतीक माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, ऐसा करने से पितर नाराज हो सकते हैं, जिससे पितृ दोष का प्रभाव बढ़ता है। इससे परिवार में आर्थिक तंगी, स्वास्थ्य समस्याएं और मानसिक तनाव जैसी परेशानियां हो सकती हैं। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि इस छोटी-सी गलती से भी पितरों की कृपा रुक सकती है। इसलिए इन 16 दिनों में भोजन और व्यवहार को लेकर विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।


सामान्य दिनों में भी क्यों है हानिकारक?


यह केवल पितृपक्ष की बात नहीं है, सामान्य दिनों में भी गूंथा आटा फ्रिज में रखना उचित नहीं है। आयुर्वेद के अनुसार, गूंथा हुआ आटा नमी के कारण जीवाणु और बैक्टीरिया को आकर्षित करता है। लंबे समय तक रखा आटा पाचन समस्याएं, गैस और अपच जैसी दिक्कतें पैदा कर सकता है। आधुनिक विज्ञान भी इस बात की पुष्टि करता है। हमारे बुजुर्ग हमेशा ताजा आटा गूंथकर रोटियां बनाने की सलाह देते थे, और यह सलाह आज भी प्रासंगिक है।


क्या करें उपाय?


पितृपक्ष में गूंथा आटा फ्रिज में रखने से बचें। आवश्यकता के अनुसार ताजा आटा गूंथें। यदि आटा बच जाए, तो उसे किसी जरूरतमंद को दान कर दें। पितरों को ताजा भोजन अर्पित करें और भोजन हमेशा ताजा बनाकर खाएं। यदि रात का आटा सुबह उपयोग करना पड़े, तो उसमें तुलसी का पत्ता डालकर भोजन बनाएं। पितृपक्ष में पवित्रता और सावधानी बरतने से पितर प्रसन्न होते हैं और परिवार को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।