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पूजा में दीपक जलाने के महत्वपूर्ण नियम और सावधानियाँ

हिंदू धर्म में पूजा के दौरान दीपक जलाने का विशेष महत्व है। यह नकारात्मकता को दूर करता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। लेकिन, दीपक जलाने के कुछ महत्वपूर्ण नियम हैं, जिनका पालन करना आवश्यक है। इस लेख में, हम आपको बताएंगे कि दीपक जलाते समय क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए, किस प्रकार का तेल उपयोग करना चाहिए, और दीपक की बाती का रंग क्या होना चाहिए। सही तरीके से दीपक जलाने से पूजा का फल पूर्ण होता है और घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
 

दीपक जलाने का महत्व

हिंदू धर्म में सुबह और शाम की पूजा के दौरान दीपक जलाना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह नकारात्मकता को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने में सहायक होता है। हालांकि, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दीपक जलाने के कुछ विशेष नियम हैं, जिनका पालन करना आवश्यक है। यदि दीपक को सही तरीके से नहीं जलाया गया, तो पूजा का फल अधूरा रह सकता है और घर में समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। इस लेख में, हम आपको पूजा के समय दीपक जलाने के कुछ आवश्यक नियमों के बारे में जानकारी देंगे।


दीपक जलाते समय क्या न करें

घर या मंदिर में पूजा के दौरान दीपक जलाने के लिए किसी अन्य दीपक का उपयोग नहीं करना चाहिए। कई बार लोग तुलसी के पास दीपक जलाने के लिए मंदिर के दीपक से दीया जलाते हैं, लेकिन यह सही नहीं है। यदि आप ऐसा करते हैं, तो पूजा का फल अधूरा रह सकता है।


दीपक जलाने के बाद की सावधानियाँ

दीपक जलाने के बाद धूपबत्ती या अगरबत्ती को दीपक की अग्नि से जलाना नहीं चाहिए, क्योंकि इससे दीपक की अग्नि बुझ सकती है। धूपबत्ती जलाने के लिए हमेशा माचिस का उपयोग करें, अन्यथा अशुभ फल मिल सकते हैं और आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है।


दीपक जलाने के नियम

यदि आप शाम को मुख्य द्वार पर दीपक जलाते हैं, तो ध्यान रखें कि दीपक का मुख सामने की ओर होना चाहिए। दीपक जलाते समय सम संख्या में दीपक नहीं जलाना चाहिए; 3, 5, 7, 9 या 11 दीपक जलाना शुभ माना जाता है।


दीपक के लिए सही तेल

घर के मंदिर में श्रीहरि और मां लक्ष्मी की पूजा के समय शुद्ध देसी घी का दीपक जलाना चाहिए। इससे विशेष कृपा प्राप्त होती है और धन-दौलत की कमी नहीं होती। भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के सामने तेल का दीपक नहीं जलाना चाहिए, क्योंकि इससे पूजा अधूरी रह सकती है।


दीपक की बाती

दीपक जलाते समय बाती का ध्यान रखना भी आवश्यक है। मां लक्ष्मी और मां दुर्गा की पूजा के समय लाल रंग की बाती का उपयोग करना चाहिए। सफेद रंग की बाती का प्रयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह अशुभ फल ला सकती है।


विशेष पूजा में दीपक

गुरुवार को भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा के समय दीपक की बाती पीले रंग की होनी चाहिए। यह विशेष महत्व रखता है। शनिवार को शनिदेव की पूजा करते समय नीले या काली बाती का उपयोग करें और दीपक सरसों या तिल के तेल में जलाना चाहिए।